कोरोना वायरस: भारत में आठ दिन में 10,000 से 20,000 हुए मामले; क्या कहते हैं विश्लेषण?
पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बावजूद भारत में इसके फैलने की दर लगातार कम हो रही है। देश में कोरोना वायरस के मामलों को 10,000 से 20,000 पहुंचने में आठ दिन लगे हैं। मामले दोगुने होने की ये दर अन्य कई देशों से बेहतर है जहां तीन से चार दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं। इसके अलावा भारत को एक से 600 मौतों तक पहुंचने में भी अन्य देशों से अधिक समय लगा है।
14 अप्रैल को 10,000 पार हुए थे कोरोना वायरस के मामले
बुधवार शाम पांच बजे देश में कोरोना वायरस के मामले 20,000 के पार पहुंचे और अब तक 20,471 लोगों को इससे संक्रमित पाया जा चुका है। इनमें से 652 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। देश में 14 अप्रैल को कोरोना वायरस के मामले 10,000 से ऊपर गए थे और आज 22 मार्च को ये 20,000 के पार गए हैं। 14 अप्रैल को मौतों की संख्या 339 थी और यह भी आठ दिनों में लगभग दोगुनी हो गई है।
बिना लॉकडाउन के अप्रैल के अंत तक एक लाख होते मामले
भारत में कोरोना वायरस के आंकड़ों पर शुरूआत से गौर करें तो मार्च की शुरूआत में तीन मामलों से 100 मामले पहुंचने में दो हफ्ते लगे। इसके बाद 100 से 1,000 मामले और 1,000 से 10,000 मामले होने में भी दो हफ्ते का समय लगा। अगर मामले इसी रफ्तार से आगे बढ़ते तो इस महीने के अंत तक भारत में कोरोना वायरस के एक लाख मामले होते, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब इनके 25-30 हजार रहने की संभावना है।
गणितीय विज्ञान संस्थान के विश्लेषण से मेल खाते हैं आंकड़े
ये आंकड़े गणितीय विज्ञान संस्थान (IMS) के उस विश्लेषण से मेल खाते हैं जिसमें उसने 27 अप्रैल तक भारत में कोरोना के लगभग 25,000 मामले होने की बात कही है। IMS के अनुसार, अगर लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो देश में 27 अप्रैल तक एक लाख मामले होते। IMS ने भारत में कोरोना वायरस R0 घटकर 1.36 पहुंचने की बात भी कही है। R0 का मतलब है कि कोई संक्रमित व्यक्ति अन्य कितने व्यक्तियों में वायरस फैला रहा है।
600 मौतें होने में लगे 40 दिन, अन्य देशों से बेहतर स्थिति
वहीं 'वर्डोमीटर्स' से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस से संबंधित मौतों को एक से 600 पहुंचने में 40 दिन लगे, जो अन्य देशों से काफी बेहतर है। इस मामले में भारत के बाद फ्रांस दूसरे नंबर पर है जहां 600 मौतें होने में 37 दिन लगे थे। वहीं चीन में 26, ईरान में 24, अमेरिका में 23, यूनाइटेड किंगडम (UK) में 22, जर्मनी में 21, तुर्की में 20, इटली में 18 और स्पेन में 15 दिन लगे।
महज चार राज्यों से सामने आ रहे 75 प्रतिशत नए मामले
अगर राज्यों के हिसाब से बात करें तो मंगलवार को लगभग तीन-चौथाई (75 प्रतिशत) नए मामले महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से सामने आए। अगर इसमें दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के भी आंकड़े जोड़ दें तो ये आंकड़ा 90 प्रतिशत से अधिक हो जाता है। महाराष्ट्र में स्थिति लगातार खराब बनी हुई है और लगातार तीन दिन से कोरोना वायरस के एक तिहाई नए मामले महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कही थी 7.5 दिन में मामले दोगुने होने की बात
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार भी कोरोना वायरस के मामले दोगुने होने की दर कम होने की बात कह चुकी है। सरकार के मुताबिक लॉकडाउन से पहले भारत में कोरोना वायरस के मामले 3.4 दिन में दोगुने हो रहे थे जो अब घटकर 7.5 दिन पर आ गए हैं। 18 राज्यों में तो दर इससे भी कम है और केरल में सबसे अधिक 72.2 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं।
अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है भारत
केंद्र सरकार के एक विश्लेषण में भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में बेहतर होने की बात सामने आई है। भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर मरीजों और मौतों की संख्या अन्य देशों के मुकाबले कई गुना कम है। टेस्ट पॉजिटिव आने की दर भी बेहद कम है। सरकार के अनुमान के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के मामले मई के पहले हफ्ते में अपने पीक (उच्चतम स्तर) पर होंगे। इसके बाद मामले कम होना शुरू हो जाएंगे।