ICMR ने कहा- हवा के जरिए कोरोना वायरस फैलने का कोई सबूत नहीं
क्या है खबर?
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस हवा के जरिए नहीं फैलता है।
कोरोना वायरस को लेकर होने वाली केंद्र सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ICMR के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ रमन गंगाखेड़कर ने ये बात कही।
कोरोना वायरस के हवा के जरिए फैलने के सवाल का जबाव देते हुए उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस के हवा के जरिए फैलने का कोई सबूत नहीं है... अगर ऐसा होता तो एक परिवार के सभी सदस्य संक्रमित होते।"
दावा
अमेरिकी संस्थान की स्टडी में किया गया था वायरस के हवा के जरिए फैलने का दावा
कोरोना वायरस के हवा के जरिए फैलने का दावा अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस (NAS) की एक स्टडी में किया गया था।
एक अप्रैल को व्हाइट हाउस को भेजी गई इस स्टडी में कहा गया था कि यह रिसर्च पूरी नहीं है, लेकिन अभी तक सामने आई जानकारी से पता चलता है कि सामान्य सांस लेने से भी यह वायरस हवा में आ जाता है।
स्टडी में सभी को मास्क लगाने की सलाह दी गई थी।
विरोध
कई विशेषज्ञों ने दावे को बताया गलत
ये स्टडी सामने आने के बाद अमेरिका ने अपने सभी नागरिकों को मास्क पहनने का दिशा-निर्देश जारी किया है।
हालांकि कई विशेषज्ञों ने इस स्टडी को नकारा है। विरोधियों का कहना है कि स्टडी में बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।
उनके अनुसार, स्टडी करने वाली टीम ने नमी बनाने के लिए जानबूझकर नेबुलाइजर (मेडिकल उपकरण) का प्रयोग किया। इंसान के सांस छोड़ने के दौरान इतनी नमी नहीं होती और इसलिए वायरस जिंदा नहीं रह सकता।
बयान
ICMR ने भी बताया हवा के जरिए कोरोना वायरस फैलने के दावे को गलत
अब ICMR ने भी कोरोना वायरस के दवा में फैलने के दावे को गलत बताया है। डॉ गंगाखेड़कर ने कहा कि अगर ये वायरस हवा के जरिए फैलता तो एक परिवार के सभी सदस्यों और एक अस्पताल के सभी लोगों को संक्रमण होता, लेकिन ऐसा नहीं है।
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी पिछले महीने कोरोना वायरस के हवा के जरिए नहीं फैलने की बात कह चुका है। उसने कहा था कि इसके समर्थन में पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
कोरोना वायरस
कैसे फैलता है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके मुंह से निकलने वाले लगभग एक मिलीमीटर व्यास वाले थूक के कण जब किसी दूसरे व्यक्ति पर गिरते हैं तो उसके संक्रमित होने की आशंका रहती है।
ये थूक के कण लगभग एक मीटर के दायरे में गिर सकते हैं। इसलिए संक्रमितों से दूर रहने और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने की सलाह दी जाती रही है।
इसके अलावा विभिन्न सतहों पर भी ये वायरस जिंदा रहता है।
कोरोना वायरस का प्रकोप
दुनियाभर में लगभग 12.17 लाख लोग संक्रमित, 66,000 से अधिक की मौत
पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान शहर से फैलना शुरू हुआ कोरोना वायरस अब तक लगभग 200 देशों में अपने पैर पसार चुका है। पूरी दुनिया में 12.17 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं वहीं लगभग 66,000 को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
अमेरिका में सबसे अधिक तीन लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं वहीं लगभग 85,00 की मौत हुई है।
इटली में सबसे अधिक 15,362 लोगों को इसके कारण मौत हुई है।
जानकारी
भारत में 3,374 मामले, 79 की मौत
अगर भारत की बात करें तो रविवार सुबह नौ बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,374 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 79 लोगों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है, वहीं 266 ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।