कोरोना वायरस: भारत के 78 जिलों में 14 दिन से कोई नया मामला नहीं
क्या है खबर?
कोरोना वायरस पर अपनी दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश के 12 जिलों में पिछले 28 दिनों से कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है। इसके अलावा 78 जिले ऐसे हैं जिनमें पिछले 14 दिन से कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के 19 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस
सशक्त समूह के अध्यक्ष ने पेश किए आंकड़े
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोरोना वायरस से निपटने के लिए बनाए गए सशक्त समूह 2 के अध्यक्ष सीके मिश्रा ने भी हिस्सा लिया और सरकार की तैयारियों समेत तमाम आंकड़े पेश किए।
उन्होंने बताया कि भारत में कोरोना वायरस के मामले एक्सपनेंशियल (बहुत तेज) की बजाय लीनियर (कम लेकिन लगातार वृद्धि) तरीके से बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि टेस्टिंग बढ़ाने के बाद भी पॉजिटिव मामलों का प्रतिशत नहीं बढ़ा है और शुरू से समान बना हुआ है।
आंकड़े
भारत में लगातार कम बनी हुई है पॉजिटिविटी रेट
मिश्रा ने 23 मार्च के बाद भारत में कोरोना वायरस मामलों की वृद्धि का एक ग्राफ भी पेश किया जिसमें भारत की तुलना अन्य देशों से की गई है।
इस ग्राफ में देखा जा सकता है कि 400 मामलों (23 मार्च का आंकड़ा) के बाद भारत में कुल टेस्टिंग में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले पाए जाने की दर एक समान 4-5 प्रतिशत बनी रही, वहीं अन्य देशों में ये बढ़कर 20 से 60 प्रतिशत तक पहुंच गई।
टेस्टिंग
30 दिन में 33 गुना बढ़ी टेस्टिंग
मिश्रा ने बताया कि 23 मार्च तक भारत में कोरोना वायरस के 14,915 टेस्ट हुए थे और अब 22 अप्रैल तक पांच लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं यानि 30 दिन में 33 गुना वृद्धि हुई।
उन्होंने कहा कि सरकार को पता है कि टेस्टिंग बढ़ानी है और इसे लगातार बढ़ाया जाएगा।
अमेरिका से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि पांच लाख टेस्ट होने पर अमेरिका में 80,000 हजार मरीज थे, जबकि भारत में ये आंकड़ा 20,000 है।
तैयारियां
मिश्रा ने बताया सरकार ने क्या तैयारियां कीं
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों के बारे में बताते हुए मिश्रा ने कहा कि देशभर के 3,773 कोरोना वायरस अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में गंभीर मरीजों के लिए 1,94,026 आइसोलेशन बेड और 24,644 ICU बेड बनाए गए हैं।
वहीं कोरोना वायरस देखभाल केंद्रों में भी 1,66,960 आइसोलेश बेड की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 12,371 वेंटीलेटर्स भी तैयार किए गए हैं।
सवाल-जबाव
तीन मई को पीक आएगा, यह कह पाना मुश्किल- ICMR महानिदेशक
इस दौरान एक पत्रकार के तीन मई को मामले पीक होने के सवाल पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा, "ये बताना बहुत मुश्किल है कि तीन मई तक पीक आएगा या कब पीक आएगा। मगर (मामला) काफी स्थिर चल रहा है और जैसे बताया है कि 4.5 प्रतिशत पॉजिटिवटी रेट आ रही है... आप ये भी कह सकते हैं कि हम कर्व को फ्लैटन कर पाए हैं। लेकिन अभी कुछ कहना बहुत मुश्किल है।"
बयान
AIIMS निदेशक बोले- स्टिगमा के कारण अस्पताल नहीं आ रहे कई लोग
वहीं AIIMS के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस से जुड़े स्टिगमा की वजह से मृत्युदर बढ़ रही है क्योंकि लोग लक्षण बहुत बिगड़ने के बाद ही उनके पास आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसकी वजह से इलाज से वंचित रह रहे मरीजों तक पहुंचने की जरूरत है
उन्होंने बताया कि गंभीर मरीजों पर कोन्वेलेसेंट प्लाज्मा थैरेपी का इस्तेमाल शुरू किया गया है और ठीक हो चुके लोग प्लाज्मा देने के लिए आगे आ रहे हैं।
स्थिति
भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
भारत में गुरूवार शाम पांच बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 21,700 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 686 लोगों की मौत हुई है, वहीं 4,325 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है।
महाराष्ट्र देश का सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक 5,652 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 269 को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है।