आर्थिक मदद के लिए चीन पर निर्भर होगा तालिबान, बताया सबसे महत्वपूर्ण साझेदार
अफगानिस्तान में सरकार बनाने की जुगत में लगे तालिबान को चीन से आर्थिक मदद मिलने की उम्मीद है। इटली के एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि उनका समूह चीन को 'सबसे महत्वपूर्ण साझेदार' के तौर पर देखता है और चीन से मिलने वाली मदद पर आश्रित होगा। गौरतलब है कि राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ अफगानिस्तान इन दिनों खाद्य और आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है।
चीन हमारे देश में निवेश करने को तैयार- मुजाहिद
इंटरव्यू में मुजाहिद कहा, "चीन हमें एक असामान्य मौका दे रहा है क्योंकि यह हमारे देश के विकास और यहां निवेश करने के लिए तैयार है।" मुजाहिद ने यह भी कहा, "तालिबान चीन के 'वन बेल्ट वन रोड' अभियान को सम्मान की निगाह से देखता है। देश में तांबे की खदानें हैं और चीन की मदद से इसे दोबारा बाजार में लाया जा सकता है। दुनियाभर के बाजारों के लिए चीन हमारा रास्ता है।"
"महिलाओं को होगी पढ़ने की छूट"
मुजाहिद ने इंटरव्यू में इस बात की भी पुष्टि की कि तालिबान के राज में महिलाओं को यूनिवर्सिटीज में पढ़ने की इजाजत होगी और वो पुलिस, नर्सिंग सेवा और मंत्रालयों में सहायकों के पदों पर काम कर सकेंगी। हालांकि, महिलाओं को मंत्री नहीं बनाया जाएगा।
चीन ने कही थी तालिबान से रिश्ते रखने की बात
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के अगले ही दिन चीन ने बयान जारी कर रहा था कि वह तालिबान के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित करने को तैयार है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि था चीन अफगानिस्तान के साथ रिश्ते मजबूत करने के मौके का स्वागत करता है। उन्होंने कहा, "तालिबान चीन के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने की उम्मीद जताता रहा है और वह अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और विकास में चीन की भागीदारी की उम्मीद रखता है।"
अफगानिस्तान में काम कर रहा है चीन का दूतावास
विदेश मंत्रालय ने तब कहा था कि चीन अफगानिस्तान के लोगों के अपने भविष्य का फैसला करने के अधिकार का सम्मान करता है और अफगानिस्तान के साथ दोस्ताना और सहयोगी संबंध विकसित करने को तैयार है। मंत्रालय ने यह भी उम्मीद जताई थी कि तालिबान बातचीत के माध्यम से एक समावेशी इस्लामिक सरकार बनाने और अफगानी नागरिकों की सुरक्षा का अपना वादा पूरा करेगा। बता दें कि अफगानिस्तान में चीन का दूतावास पहले की तरह ही काम कर रहा है।
खाद्य संकट का सामना कर रहा अफगानिस्तान
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने चेतावनी दी थी कि अफगानिस्तान को एक महीने के भीतर खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेताते हुए कहा कि अफगानिस्तान में इस महीने खाद्य भंडार खत्म हो सकता है, जिसके बाद एक तिहाई आबादी का खाद्य संकट झेलना पड़ सकता है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर है और तालिबान के आने के बाद यह मदद रुक गई है।
आज सरकार का ऐलान कर सकता है तालिबान
तालिबान ने नई सरकार बनाने की सभी तैयारी पूरी कर ली है और उम्मीद जताई जा रही है कि वह आज नई सरकार का ऐलान कर सकता है। तालिबानी नेता अनामुल्ला समांगनी ने कहा कि नई सरकार और कैबिनेट पर विचार-विमर्श लगभग तय हो चुका है। तालिबान की इस्लामिक सरकार देश के लोगों के लिए एक मॉडल का रूप होगी। संगामनी ने कहा कि हिबतुल्ला अखुंदजादा ही सरकार के नेता होगा। अखुंदजादा के नीचे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति पद होगा।