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अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह का बड़ा बयान, कहा- तालिबान के आगे कभी नहीं झुकूंगा
अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कही तालिबान के आगे नहीं झुकने की बात।

अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह का बड़ा बयान, कहा- तालिबान के आगे कभी नहीं झुकूंगा

Aug 17, 2021
05:20 pm

क्या है खबर?

तालिबान ने अफगानिस्तान के अधिकतर इलाकों पर कब्जा कर लिया है और वहां अब सत्ता हस्तांतरण पर चर्चा चल रही है। इसी बीच अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि वह किसी भी सूरत में तालिबान के सामने कभी नहीं झुकेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकी समूह का पक्ष लेने का भी आरोप लगाया है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब तालिबान ने पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं।

बयान

'मेरी बात सुनने वालों को नहीं करूंगा निराश'

पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह ने ट्वीट कर कहा, 'मैं कभी भी, और किसी भी परिस्थिति में तालिब आतंकवादियों के सामने नहीं झुकूंगा। मैं अपने नायक अहमद शाह मसूद, कमांडर, लीजेंड और गाइड की आत्मा और विरासत के साथ कभी विश्वासघात नहीं करूंगा।' उन्होंने आगे लिखा, 'मैं मेरी बात सुनने वाले लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा। मैं तालिबान के साथ कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहूंगा।' बता दें कि अहमद शाह मसूद तालिबान विरोधी कमांडर थे।

बयान

पाकिस्तान सच्चाई को अब और नहीं छिपा सकता- सालेह

पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह ने एक और ट्वीट किया, 'सच को लंबे समय तक छुपाया या गलत साबित नहीं किया जा सकता है। यह सामने आता है और झूठे और धोखेबाज पर पलटवार करता है। पाकिस्तान अब और नहीं छिप सकता। वो युद्ध में हैं और आतंकवादी तालिबान के पक्ष में हैं।' बता दें कि पाकिस्तान पर लंबे समय से तालिबान को समर्थन देने और परोक्ष रूप से इस लड़ाई में उनका साथ देने का आरोप लगाया जाता रहा है।

योजना

अफगानिस्तान में तालिबान विरोधी मोर्चे की बनाई जा रही है योजना

इधर, अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, अफगानिस्तान में तालिबान विरोधी मोर्चे की योजना बनाई जा रही है। रिपोर्टों में फोटो के जरिए अहमद शाह मसूद और सालेह के बेटे को पंजशीर घाटी में परामर्श करते हुए दिखाया गया है। रिपोर्टों की माने तो मसूद का जन्मस्थान पंजशीर प्रांत राजधानी काबुल से लगभग तीन घंटे की दूरी पर स्थित है और यह अभी भी तालिबान के नियंत्रण से बाहर है। ऐसे में वहां योजना तैयार की जा रही है।

जानकारी

कौन थे अहमद शाह मसूद?

मसूद एक अनुभवी ताजिक कमांडर थे। 1990 के दशक में वह बुरहानुद्दीन रब्बानी की सरकार में रक्षा मंत्री बने। 9 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हुए हमलों से दो दिन पहले अल-कायदा द्वारा किए गए एक आत्मघाती हमले में उनकी मौत हो गई थी।

कब्जा

तालिबान ने रविवार को किया था अफगानिस्तान पर कब्जा

तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद राष्ट्रपति अशरफ देश छोड़कर ओमान चले गए थे। विद्रोहियों ने राजधानी पहुंचने और सत्ता के शांतिपूर्ण परिवर्तन की मांग करने से पहले कुछ ही दिनों में कई प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया था। सोमवार को काबुल हवाईअड्डे पर हृदयविदारक दृश्य देखने को मिले थे। हजारों लोग वहां से भागने की कोशिश कर रहे थे। अलग-अलग हादसों में कई लोगों की मौत हो गई।

राष्ट्रपति

मुल्ला बरादर होंगे अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति

तालिबान के लोकप्रिय नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के अफगानिस्तान के अगले राष्ट्रपति बनने की पूरी संभावना है। उन्होंने साल 1994 में अपने बहनोई मुल्ला मोहम्मद उमर के साथ तालिबान की स्थापना की थी। उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबानी शासन (1996-2001) के दौरान रक्षा उप मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने साल 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कतर में सैन्य वापसी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे।