सीमा विवाद: चीन का हॉट स्प्रिंग और गोगरा से सेना हटाने से इनकार- रिपोर्ट
बीते लगभग एक साल से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद बना हुआ है। अब खबर आ रही है कि 9 अप्रैल को दोनों देशों की बीच हुई बैठक में चीन ने हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग के समतल इलाकों से सेना हटाने से इनकार कर दिया है। इन जगहों पर चीनी सेना की मौजूदगी के कारण दोनों देशों की बीच तनाव बना हुआ है।
सेना हटाने की बात कहकर मुकरा चीन
अभी तक भारत और चीन के बीच हुए समझौते के तहत दोनों देशों ने पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी किनारों से सेनाएं पीछे हटा ली थी, लेकिन गोगरा, हॉट स्प्रिंग, डेमचोक और देपसांग के समतल इलाकों में अभी भी चीनी सेना जमी बैठी है। इंडियन एक्सप्रेस ने उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन पहले तो गोगरा और हॉट स्प्रिंग से सेना हटाने को तैयार हुआ था, लेकिन बाद में वह मुकर गया।
चीन ने देपसांग में कम की तैनाती
सूत्रों ने बताया कि 9 अप्रैल को हुई बैठक में चीन ने विवादास्पद इलाकों को खाली करने से इनकार करते हुए कहा कि भारत को अब तक जो हासिल हुआ है, उसी से खुश रहना चाहिए। चीनी सेना हॉट स्प्रिंग के पेट्रोलिंग प्वाइंट (PP) 15 और गोगरा के PP 17A पर जमी बैठी है और दोनों भारतीय इलाके में आते हैं। हालांकि, पहले यहां चीनी सेना की एक कंपनी तैनात थी, लेकिन अब यहां प्लाटून की तैनाती है।
देपसांग में 2013 से ही पेट्रोलिंग नहीं कर पा रहा भारत
पैंगोंग झील से दोनों देशों के सेनाएं भले ही पीछे हट गई हैं, लेकिन फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच अभी तक पेट्रोलिंग शुरू नहीं हो पाई है। फिंगर 8 तक भारत का अधिकार क्षेत्र है। इसी तरह देपसांग के समतल इलाकों में भारत 2013 से ही पेट्रोलिंग नहीं कर पा रहा है और यहां चीनी सेना डेरा जमाए बैठी है। सूत्रों का कहना है कि इस इलाके से सेना हटाने की बात बाद में जोड़ी गई थी।
देपसांग में चीन ने बेहतर की अपनी कनेक्टिविटी
सूत्र ने बताया कि पिछले एक साल से जारी तनाव के बीच देपसांग में कुछ नहीं हुआ है। चीनी सैनिक आकर कई जगहों पर भारतीय सैनिकों की पेट्रोलिंग को ब्लॉक कर देते हैं। सूत्र ने कहा, "हम पेट्रोलिंग नहीं कर पा रहे हैं। कुछ पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक ट्रैक बने हुए थे और भारतीय सेना वहां तक जाती थी, लेकिन 2013 के बाद चीन ने वहां ट्रैक बना लिए, जिससे उनकी कनेक्टिविटी बेहतर हो गई।"
रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है देपसांग
देपसांग का रणनीतिक महत्व इसके भौगोलिक स्थिति से पैदा होता है। इसके उत्तर में 18,000 फुट की ऊंचाई पर काराकोरम पास और पूर्व में अक्साई चिन स्थिति है और यह इन दोनों इलाकों के बीच में पड़ता है। काराकोरम में भारत के लद्दाख और चीन के जिनजियांग प्रांत की सीमाएं लगती हैं और जिनजियांग से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) जाने वाला चीन का हाईवे इसके पास से गुजरता है। काराकोरम में ही भारत के कब्जे वाला सियाचिन ग्लेशियर स्थित है।
चीन से खतरा बरकरार- जनरल नरवणे
पिछले महीने भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि पैंगोंग झील से सेनाओं के पीछे हटने के बावजूद चीन की तरफ से खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और कुछ क्षेत्रों में अभी भी तनाव बरकरार है। उन्होंने कहा था कि जब तक पर्याप्त संख्या में सैनिक पीछे नहीं हट जाते और अलग-अलग स्थानों से आए सैनिक सीमा पर एक तय दायरे में मौजूद हैं, तब तक खतरा बना हुआ है।