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रूस ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर ड्रोन से किया हमला- यूक्रेन का दावा 
यूक्रेन ने दावा किया कि रूस ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर हमला किया है

रूस ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर ड्रोन से किया हमला- यूक्रेन का दावा 

लेखन आबिद खान
Feb 14, 2025
02:53 pm

क्या है खबर?

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस ने बीती रात चेर्नोबिल में नष्ट हो चुके परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि एक उच्च विस्फोटक वारहेड के साथ रूसी हमलावर ड्रोन ने संयंत्र में नष्ट हो चुकी चौथी बिजली इकाई पर हमला किया। बाद में यूक्रेन की राज्य आपातकालीन सेवा ने कहा कि हमले के बाद रेडिएशन का स्तर सामान्य बना हुआ है।

बयान

आग पर काबू पाया गया- जेलेंस्की

जेलेंस्की ने कहा, 'ड्रोन यूनिट को कवर करने वाले कांक्रीट कवर पर गिरा है, जिससे शेल्टर क्षतिग्रस्त हो गया है। यह यूक्रेन द्वारा यूरोप, अमेरिका और मानवता की वास्तविक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध दुनिया के अन्य देशों के साथ मिलकर बनाया गया था। फिलहाल आग बुझा दी गई है। रेडिएशन का स्तर नहीं बढ़ा है और लगातार निगरानी की जा रही है। शुरुआती आकलन के अनुसार, शेल्टर को काफी नुकसान हुआ है।'

ट्विटर पोस्ट

जेलेंस्की ने हमले का वीडियो भी साझा किया है

रूस

जेलेंस्की ने रूस पर साधा निशाना

जेलेंस्की ने रूस पर निशाना साधते हुए कहा, 'रूस दुनिया का एकमात्र देश है, जो इस तरह के स्थलों पर हमला करता है, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर कब्जा करता है और परिणामों की परवाह किए बिना युद्ध छेड़ता है। यह पूरी दुनिया के लिए एक आतंकवादी खतरा है। हर रात रूस यूक्रेन के बुनियादी ढांचे और शहरों पर ऐसे हमले करता है। इसका मतलब है कि व्लादिमीर पुतिन निश्चित रूप से बातचीत की तैयारी नहीं कर रहे हैं।'

हमले

रूस ने दागे 133 ड्रोन

यूक्रेनी सेना ने बताया कि बीती रात को रूस ने यूक्रेन पर 133 ड्रोन दागे, जिनमें से 73 को मार गिराया गया और 58 अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए। सेना ने कहा कि देश के अधिकांश हिस्सों को कवर करते हुए 11 क्षेत्रों में ड्रोन को मार गिराया गया है। ये हमले ऐसे वक्त हो रहे हैं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के ताबड़तोड़ प्रयास कर रहे हैं।

चेर्नोबिल

न्यूजबाइट्स प्लस

यूक्रेन की बेलारूस सीमा के पास स्थित चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र में की यूनिट 4 में 1986 में भीषण विस्फोट हुआ था। इसके बाद सोवियत संघ और यूरोप के कई हिस्सों में परमाणु विकिरण फैल गया था। इस घटना से 40 लोगों की तुरंत मौत हो गई थी, जबकि करीब 50 लाख लोग विकिरण से प्रभावित हुए थे। बाद में कैंसर जैसी बीमारियों की वजह से 4,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।