रूस के बाद अब यूक्रेन जाएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्या हैं दौरे के मायने?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन का दौरा करेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा कर दी है। हालांकि, ये दौरा कब होगा इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ये पहली बार है, जब मोदी यूक्रेन की यात्रा कर रहे हैं। बता दें कि जुलाई में मोदी ने रूस का दौरा किया था। उसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि वे यूक्रेन भी जा सकते हैं।
कब हो सकता है दौरा?
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री मोदी की कीव जाने की संभावना है। मंत्रालय ने कहा कि यात्रा का विवरण बाद में साझा किया जाएगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि मोदी यूक्रेन जाने से पहले 21 और 22 अगस्त को पड़ोसी देश पोलैंड का दौरा कर सकते हैं। इस आधार पर कहा जा रहा है कि 23 अगस्त से प्रधानमंत्री का यूक्रेन दौरा शुरू हो सकता है।
क्या है यात्रा का उद्देश्य?
मनी कंट्रोल के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने कहा कि मोदी की यात्रा का उद्देश्य रूस-यूक्रेन के बीच बीते 2 साल से चल रहे युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान निकालना है। सूत्रों का कहना है कि ये यात्रा मोदी की रूस यात्रा से उपजे कथित विवाद का परिणाम है। दरअसल, जब प्रधानमंत्री ने रूस का दौरा किया था तो अमेरिका समेत कुछ यूरोपीय देश नाराज हो गए थे। एक रिपोर्ट में के मुताबिक, अमेरिका ने यात्रा टालने की अपील की थी।
क्या हैं यात्रा के मायने?
जानकार प्रधानमंत्री के यूक्रेन दौरे को रूस दौरे के साथ संतुलन के तौर पर देख रहे हैं। जब मोदी रूस गए थे, उसी समय उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का शिखर सम्मेलन भी हो रहा था। इस वजह से दौरे के समय को लेकर खूब चर्चाएं थीं। भारत में अमेरिकी राजदूत ने भी मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक की आलोचना की थी। ऐसे में यूक्रेन दौरे को इन सब बातों से जोड़कर देखा जा रहा है।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत ने 1991 में यूक्रेन को संप्रभु राष्ट्र के तौर पर मान्यता दी थी और अगले ही साल अपना दूतावास भी खोला था। 2022 में भारत ने यूक्रेन को 6,000 करोड़ रुपये का निर्यात किया। यूक्रेन ने भारत को 9,000 करोड़ रुपये का निर्यात किया। यूक्रेन शिमला समझौते के आधार पर जम्मू-कश्मीर मुद्दे का समाधान और संयुक्त राष्ट्र (UN) के ढांचे में सुधारों में भी भारत का समर्थन करता है।