गाजा में अब भुखमरी का खतरा, UN बोला- खाद्य असुरक्षा अब तक के उच्चतम स्तर पर
इजरायल-हमास युद्ध के बीच अब गाजा पट्टी में भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इसकी चेतावनी दी है। UN के आपातकालीन राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि अकाल अब 'नजदीक' है, क्योंकि गाजा में लोग अब तक दर्ज की गई खाद्य असुरक्षा के सबसे उच्चतम स्तर का सामना कर रहे हैं। ग्रिफिथ्स का ये बयान ऐसे समय आया है, जब युद्ध को 3 महीने होने को है।
ग्रिफिथ्स बोले- गाजा 'मौत और निराशा का स्थान' बन गया
ग्रिफिथ्स ने कहा कि हजारों लोगों की मौत, चिकित्सा सुविधाओं पर हमले और कामकाजी अस्पतालों की कमी से गाजा 'मौत और निराशा का स्थान' बन गया है। उन्होंने कहा, "एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा सामने आ रही है, क्योंकि भीड़भाड़ वाले शिविरों में संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। फिलिस्तीन की लगभग 180 महिलाएं इस अराजकता के बीच रोजाना बच्चों को जन्म दे रही हैं। गाजा अब रहने लायक नहीं रह गया है।"
23 लाख लोग खतरे में, दुनिया सिर्फ देख रही- ग्रिफिथ्स
ग्रिफिथ्स ने कहा कि गाजा के 23 लाख लोग रोज अपने अस्तित्व के लिए पैदा हो रहे खतरों का सामना करते हैं, जबकि दुनिया सिर्फ देखती रहती है। उन्होंने युद्ध को तत्काल समाप्त करने मांग की। ग्रिफिथ्स ने कहा, "हम युद्ध को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हैं। न केवल गाजा के लोग, बल्कि उसके पड़ोसी और आने वाली पीढ़ियां भी इन 90 दिनों के नरक और मानवता के सबसे बुनियादी सिद्धांतों पर हमलों को कभी नहीं भूलेंगे।"
इजरायल का दावा- हमास चीनी हथियार इस्तेमाल कर रहा
दूसरी तरफ इजरायल ने चीन पर हमास को हथियार देने के आरोप लगाए हैं। इजरायल ने कहा कि उसे चीनी हथियारों का भंडार मिला है, जिसमें असॉल्ट राइफलों, ग्रेनेड लॉन्चर, कारतूस और संचार उपकरण हैं। अब इजरायल के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि ये हथियार हमास तक कैसे पहुंचे। इजरायल का कहना है कि इस तरह के उच्च श्रेणी के हथियार और संचार तकनीक पहले हमास के पास नहीं थी।
युद्ध में 21,000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में इजरायली हमलों में 122 लोगों की मौत और 256 घायल हुए हैं। 7 अक्टूबर के बाद से अब तक कम से कम 22,600 लोगों की मौत हो गई है और 57,910 घायल हुुए हैं। हमास के शुरुआती हमलों में इजरायल के 1,139 लोग मारे गए थे। युद्ध को 3 महीने होने को हैं, लेकिन अब तक इसके खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।