
क्या होता है 'रडार' और कैसे करता है यह काम?
क्या है खबर?
भारत और पाकिस्तान के हालिया टकराव के कारण आपने बहुत बार 'रडार' शब्द को सुना होगा। टीवी रिपोर्ट्स, न्यूज हेडलाइन्स और विशेषज्ञों की बातचीत में यह शब्द बार-बार आया।
यह कोई नया शब्द नहीं है, इसे आपने पहले भी वायुसेना, मौसम विभाग या सुरक्षा एजेंसियों से जुड़ी खबरों में सुना होगा।
हालांकि, आम लोगों के लिए यह समझना जरूरी है कि आखिर रडार क्या होता है और यह कैसे काम करता है।
रडार
क्या होता है रडार?
रडार एक तकनीकी उपकरण है, जो रेडियो वेव्स की मदद से किसी वस्तु की स्थिति, दिशा और गति का पता लगाता है।
इसका पूरा नाम रेडियो डिटेक्शन एंड रैंगिंग है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर हवाई जहाजों, मिसाइलों, ड्रोन या किसी भी उड़ती चीज की पहचान और निगरानी के लिए किया जाता है।
रडार से यह भी जाना जा सकता है कि कोई वस्तु कितनी दूर है और कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है।
काम
कैसे काम करता है रडार?
रडार एक एंटीना के जरिए रेडियो वेव्स (तरंगे) हवा में भेजता है।
ये वेव्स किसी वस्तु से टकराकर वापस रडार सिस्टम के पास लौटती हैं। लौटने में लगा समय और सिग्नल की दिशा से उस वस्तु की दूरी, गति और दिशा का पता लगाया जाता है।
यह तरीका इतना तेज और सटीक होता है कि हवा में उड़ते किसी भी यान को सेकंड्स में पकड़ सकता है, चाहे वह दिखे या न दिखे।
अन्य बातें
रडार से जुड़ी अन्य अहम बातें
रडार का इस्तेमाल केवल सेना ही नहीं, बल्कि मौसम विभाग, हवाई यातायात नियंत्रण और समुद्री जहाजों में भी किया जाता है। बारिश, तूफान और बर्फबारी की भविष्यवाणी में यह अहम भूमिका निभाता है।
आधुनिक रडार अब इतने उन्नत हो गए हैं कि वे दुश्मन की गतिविधियों को बहुत दूर से ही भांप लेते हैं। कई बार युद्ध की रणनीति और सुरक्षा तैयारियों में रडार सबसे अहम उपकरण बन जाता है।