इजरायल-हमास युद्ध का एक महीना: 11,000 लोगों की मौत और लाखों विस्थापित, जानें कब-क्या हुआ
इजरायल-हमास युद्ध को एक महीना पूरा हो चुका है। 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर हमला किया था। उसके बाद से ही ये युद्ध लगातार चल रहा है। अब तक 11,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। हमास ने अभी भी इजरायल के कई लोगों को बंधक बना रखा है, जिसके जवाब में इजरायल की सेना भी बमबारी कर रही है। आइए जानते हैं कि युद्ध में कब-क्या हुआ।
7 अक्टूबर- हमास का इजरायल पर हमला
7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर अप्रत्याशित और चौंकाने वाला हमला किया था। हमास ने एक साथ 5,000 से भी ज्यादा रॉकेट दागकर इजरायल की आयरन डोम प्रणाली को विफल कर दिया। पैराग्लाइडर के जरिए कई लड़ाके सीमा से सटे इजरायली शहरों में घुसे और जमकर तबाही मचाई। कई लोगों को बंधक बना लिया और कई की हत्या कर दी। हमले के बाद सामने आए वीडियो में दुनिया ने हमास आतंकियों की बर्बरता देखी।
इजरायल ने शुरू किया 'ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड'
हमास के हमले के बाद इजरायल ने जंग का ऐलान किया। इजरायल की सेना ने इसे 'ऑपरेशन आयरम स्वॉर्ड' नाम दिया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वो हमास का सफाया करके ही रहेंगे। इसके बाद इजरायल ने गाजा पट्टी पर बमबारी शुरू की और नाकेबंदी को सख्त कर दिया। युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक इजरायल हर घंटे गाजा पर 42 बम गिरा रहा है।
मामले में भारत का क्या रुख रहा?
10 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतन्याहू से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, 'मैं प्रधानमंत्री नेतन्याहू को उनके फोन कॉल और मौजूदा स्थिति पर अपडेट देने के लिए धन्यवाद देता हूं। भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजरायल के साथ खड़े हैं।' हालांकि, 2 दिन बाद ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने हमेशा फिलिस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य देश की स्थापना के लिए सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की है।
भारत ने शुरू किया ऑपरेशन अजय
11 अक्टूबर को भारत ने इजरायल में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन अजय' शुरू किया। इस अभियान के तहत 212 भारतीय नागरिकों को लेकर पहली फ्लाइट 13 अक्टूबर को इजरायल के बेन गुरियन हवाई अड्डे से दिल्ली पहुंची। भारत ने इस ऑपरेशन के जरिए अपने नागरिकों के साथ ही नेपाल के नागरिकों को भी युद्ध क्षेत्र से निकाला। भारत अब तक 1,180 लोगों को इजरायल से निकाल चुका है।
अस्पताल पर हमले से इजरायल की हुई आलोचना
17 अक्टूबर को गाजा के अल-अहली अल-अरबी अस्पताल में विस्फोट हुआ, जिसमें 500 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस हमले के बाद इजरायल की कड़ी आलोचना हुई। हालांकि, इजरायल ने इसका आरोप फिलिस्तीनी संगठन इस्लामिक जिहाद पर लगाया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी इसकी निंदा की। हमले के विरोध में कई देशों में इजरायली दूतावास के बाहर विरोध-प्रदर्शन हुए और अरब नेताओं ने बाइडन संग बैठक रद्द कर दी।
18 अक्टूबर को इजरायल पहुंचे जो बाइडन
युद्ध के बीच 18 अक्टूबर को अमेरिका राष्ट्रपति बाइडन इजरायल पहुंचे और इजरायल को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा, "हमास ने जो अत्याचार किए, उससे ISIS (इस्लामिक स्टेट) कुछ हद तक तर्कसंगत लगता है। हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि हमास सभी फिलिस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता।" अस्पताल पर हमले को लेकर बाइडन ने दूसरे पक्ष को दोषी ठहराया। विशेषज्ञों ने बाइडन की इस यात्रा को उनके करियर की सबसे जटिल राजनयिक यात्रा बताया।
21 अक्टूबर पहली बार खुली राफा सीमा
21 अक्टूबर को पहली बार मानवीय सहायता के लिए गाजा और मिस्र के बीच राफा सीमा को खोला गया है। यहां से 20 ट्रक राहत सामग्री गाजा में पहुंचाई गई। हालांकि, इस दौरान ईंधन ले जाने की अनुमति इजरायल ने नहीं दी, जिसकी मांग अस्पतालों ने की थी। बाद में राफा सीमा से ही विदेशी नागरिकों, मरीजों और घायलों को मिस्र भेजा गया। इस बीच हमास कुछ-कुछ बंधकों को भी रिहा करता रहा।
इजरायल ने शुरू की जमीनी सैन्य कार्रवाई
26 अक्टूबर को इजरायल ने गाजा पर जमीनी हमला शुरू किया। इजरायली बलों ने कहा कि ये हमला 'युद्ध को अगले पड़ाव' में ले जाने की तैयारियों के तहत किया गया। इस दौरान कई आतंकवादी ठिकानों और एंटी-टैंक लॉन्च पोस्ट को बर्बाद कर दिया गया है। इजरायल ने जमीनी कार्रवाई जारी रखते हुए गाजा को 2 भागों में बांट दिया है। अब इजरायली सेना हमास के सुरंगों के जाल को ध्वस्त कर रही है।