भारत ने सात पाकिस्तानी आतंकियों पर लगाया UAPA के तहत प्रतिबंध
क्या है खबर?
आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले 15 दिन के अंदर सात पाकिस्तानी आतंकियों को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित किया।
इन आतंकियों को आतंकी फंडिंग और जम्मू-कश्मीर में हमलों के लिए UAPA की आतंकियों की सूची में डाला गया है।
इन आतंकियों पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के अपराध जांच विभाग (CID) की सिफारिश पर प्रतिबंध लगाया गया है और ये सभी पाकिस्तान में बैठकर ऑपरेट करते हैं।
जानकारी
इन आतंकियों पर लगाया गया प्रतिबंध
जिन आतंकियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें सज्जाद गुल, आशिक अहमद नेंगरू, मुश्ताक अहमद जरगर, हमजा बुरहान, अली खासिफ जन, मोहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर और हाफिज तल्हा सईद शामिल हैं। गृह मंत्रालय अभी तक कुल 38 पाकिस्तानी आतंकियों पर प्रतिबंध लगा चुका है।
आतंकी
सज्जाद गुल और हमजा बुरहान पर आज ही लगाया गया प्रतिबंध
सज्जाद गुल और हमजा बुरहान पर आज सुबह ही प्रतिबंध लगाया गया है। ये दोनों ही अल-बद्र के प्रमुख हैं जो पुलवामा में अपनी गतिविधियां बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
श्रीनगर में पैदा हुआ गुल 2002-2007 के बीच पांच साल के लिए जेल में रह चुका है। 2007 में वो श्रीनगर वापस आया और फिर 2011 में पाकिस्तान चला गया।
वो यहां अपनी पत्नी के संबंधियों के घर रहता था और यहीं लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में आया।
अन्य आतंकी
नेंगरू जैश का कमांडर, जरगर का खुद का संगठन
अन्य आतंकियों की बात करें तो नेंगरू जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर है और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। जैश प्रमुख मसूद अजहर के भतीजे इदरीस को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने में उसकी अहम भूमिका रही थी। वह फरवरी, 2020 से पाकिस्तान में रह रहा है।
वहीं जरगर अल-उमर मुजाहिदीन का प्रमुख है। वह पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेकर 1989 में घाटी वापस आया और तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया के अपहरण में शामिल रहा।
फायदे
पाकिस्तानी आतंकियों का डाटाबेस बनाने के कई फायदे- सूत्र
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकियों का डाटाबेस बनाने के कई फायदे हैं।
पहला, इन सभी पर एक रेडीमेड डोजियर तैयार किया जा रहा है जिसे संयुक्त राष्ट्र (UN) और अन्य देशों के सामने पेश किया जा सकता है।
दूसरा, अब इन आतंकियों के सहयोगियों को दबाव का सामना करना पड़ेगा क्योकि अगला नंबर उनका है।
तीसरा, इन आतंकियों और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को जब्त किया जाएगा।
चौथा फायदा
FATF के सामने पाकिस्तान को आतंक का समर्थन साबित करने में मदद करेगा डाटाबेस
पाकिस्तानी आतंकियों के डाटाबेस का चौथा और सबसे बड़ा फायदा बताते हुए सूत्र ने कहा कि इसकी मदद से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के सामने ये साबित किया जा सकेगा कि पाकिस्तान अभी भी भारत विरोधी आतंकियों को शरण और समर्थन दे रहा है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले से ही FATF की ग्रे लिस्ट में मौजूद है और UAPA की सूची में आने से जून में होने वाली बैठक में FATF को मनाने में आसानी होगी।
आतंक विरोधी अभियान
न्यूजबाइट्स प्लस
जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने बताया था कि 2021 में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा 100 सफल आतंकवादी विरोधी अभियान चलाए गए थे। इन अभियानों में 184 आतंकवादी मारे गए थे, जिनमें से 44 शीर्ष कमांडर और 20 विदेशी थे।
सिंह ने बताया था कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के दम पर जम्मू-कश्मीर के बड़े हिस्से को लगातार होने वाले आतंकी हमलों से मुक्त कर दिया गया है और आतंकियों का सफाई अभियान अभी भी जारी है।