
दुनिया-जहां: इमरान खान की सरकार गिरने के पाकिस्तान और दुनिया के लिए क्या मायने?
क्या है खबर?
पाकिस्तान में हफ्तों से चला आ रहा सियासी ड्रामा शनिवार को खत्म हो गया। आधी रात को अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और उसके खिलाफ 174 सांसदों ने वोट किया जो 172 के बहुत से दो ज्यादा है।
इमरान की सरकार गिरने के इस घटनाक्रम के पाकिस्तान, उसके पड़ोसी देश भारत और बाकी दुनिया के लिए क्या मायने हैं, दुनिया-जहां में आज ये समझने की कोशिश करते हैं।
पाकिस्तान
पाकिस्तान के लिए क्या मायने?
बीते कुछ दिनों में इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग को रोकने के लिए तमाम असंवैधानिक रास्ते अपनाए, लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो पाए और अंत में पाकिस्तान की संसद उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने में कामयाब रही। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि लोकतंत्र धीरे-धीरे पाकिस्तान में अपनी जड़ें जमा रहा है।
इस घटनाक्रम को राजनीति में शरीफ परिवार की वापसी के तौर पर भी देखा जा रहा है, जिसने सेना से अपने संबंध सुधारे हैं।
जानकारी
पाकिस्तानी सेना के बारे में क्या बताता है घटनाक्रम?
इस घटनाक्रम से ये भी साफ हो गया कि पाकिस्तान में अभी भी सेना सर्वशक्तिशाली है। इमरान को सत्ता में लाने में भी सेना की अहम भूमिका थी और उनसे बिगड़ने के बाद उन्हें बाहर करने में भी सेना का हाथ बताया जा रहा है।
भारत
भारत के साथ रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा?
इमरान खान के कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद खराब हुए। इमरान ने अल्पसंख्यकों पर हमले के लिए व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्यवंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा, जिससे भारत के लिए पाकिस्तान से बातचीत शुरू करना लगभग नामुमकिन हो गया।
अब इमरान के जाने के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने की संभावना बढ़ जाएगी।
नए संभावित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भारत के साथ बातचीत का हितैषी माना जाता है।
तालिबान और पाकिस्तानी सेना
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी के बाद पाकिस्तानी सेना और उसके बीच संबंध कमजोर हुए हैं। पाकिस्तान को सीमा पर हुए हमलों में अपने कुछ सैनिकों को खोना भी पड़ा है।
पाकिस्तानी सेना चाहती है कि तालिबान कट्टरपंथी समहूों पर कार्रवाई करे। हालांकि इमरान खान ने तालिबान के खिलाफ नरम रुख अपनाया है, जिसके कारण सेना उस पर प्रभावी दबाव नहीं बना पाई।
इमरान के जाने के बाद इस स्थिति में बदलाव हो सकता है।
चीन
चीन के लिए क्या मायने?
यूं तो इमरान खान ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान चीन के साथ संबंध और मजबूत करने पर भरपूर जोर दिया, लेकिन पाकिस्तान में चीन की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) उन पार्टियों के कार्यालय में शुरू हुई थी जो अब सरकार बनाने जा रहे हैं।
शहबाज शरीफ को एक कड़ा प्रशासक माना जाता है, ऐसे में चीन को उम्मीद है कि वो CPEC को तेजी से पूरा करा पाएंगे। उनके चीन से अच्छे संबंध भी रहे हैं।
अमेरिका
अमेरिका पर क्या असर पड़ेगा?
इस बदलाव का अमेरिका पर भी असर पड़ सकता है। दरअसल, पाकिस्तानी सेना अमेरिका के साथ संबंध सुधारने की इच्छुक है, लेकिन इमरान इसमें रोड़ा लगाते रहे हैं। उनके कार्यकाल में दोनों देशों के बीच संबंध काफी खराब हो गए थे।
इमरान खान ने हालिया दिनों में अमेरिका पर उनकी सरकार गिराने की साजिश करने का आरोप भी लगाया था, इस लिहाज से उनका जाना अमेरिका के लिए फायदेमंद हैं।