बिहार में मजदूर के बेटे को अमेरिका में पढ़ाई के लिए मिली 2.5 करोड़ की स्कॉलरशिप
बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में महादलित परिवार का एक बेटा अमेरिका में अपना भविष्य संवारेगा। उन्हें अमेरिका के प्रतिष्ठित लाफायेट कॉलेज ने ग्रेजुएशन करने के लिए 2.5 करोड़ की स्कॉलरशिप दी है। प्रेम के माता-पिता कभी स्कूल नहीं गए थे, लेकिन अब उनका बेटा अमेरिका जा कर मां-बाप के साथ-साथ देश का भी नाम रोशन करेगा। उनकी इस उपलब्धि से उनके गांव गोनपुरा में खुशी का माहौल है और लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।
प्रेम के पिता मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं
बता दें कि 17 वर्ष के प्रेम के पिता जीतन मांझी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं और उनकी मां कलावती देवी का करीब दस साल पहले देहांत हो गया था। वह अपनी पांच बहनों में इकलौता भाई है। प्रेम ने बातचीत में बताया कि उन्होंने 2020 में शोषित समाधान केंद्र उड़ान टोला दानापुर से कक्षा 10 पास की थी। उन्होंने इसी कॉलेज से 2022 में कक्षा 12 की परीक्षा पास की थी।
दुनिया भर में सिर्फ छह छात्रों को मिलती है यह स्कॉलरशिप
प्रेम इस स्कॉलरशिप से चार साल की मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इंटरनेशनल रिलेशनशिप की पढ़ाई करेंगे। बता दें कि दुनिया भर के छह छात्रों इस स्कॉलरशिप के लिए चुना जाता है जिसमें से एक प्रेम भी है जिसे लाफायेट कॉलेज से 'डायर फेलोशिप' मिलेगी। लाफायेट के अनुसार यह फेलोशिप ऐसे छात्रों को प्रदान की जाती है, जिसमें दुनिया की कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए आंतरिक प्रेरणा और प्रतिबद्धता हो।
2.5 करोड़ की स्कॉलरशिप में प्रेम को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
बता दें कि प्रेम बिहार के महादलित मुसहर समुदाय से आते हैं और अपने परिवार से कॉलेज जाने वाले वह पहले सदस्य होंगे। उनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे (BPL) श्रेणी में आता है। उनको मिली 2.5 करोड़ की स्कॉलरशिप में यह यूनिवर्सिटी चार सालों के लिए उनकी पढ़ाई और रहने के पूरे खर्च का वहन करेगी। जिसमें ट्यूशन, निवास, किताबें और आपूर्ति, स्वास्थ्य बीमा, यात्रा का खर्चा भी शामिल है।
डेक्स्टेरिटी ग्लोबल की सहायता से प्रेम को मिली स्कॉलरशिप
14 वर्ष की आयु में प्रेम को राष्ट्रीय संगठन डेक्स्टेरिटी ग्लोबल की तरफ से पहचाना गया और तब से उन्हें निरंतर प्रशिक्षित किया गया है। यह संगठन शैक्षणिक अवसरों और प्रशिक्षण के माध्यम से भारत और विश्व के लिए नेतृत्व की अगली पीढ़ी तैयार करने में कार्यरत है। इसके संस्थापक शरद सागर के मुताबिक संगठन के करियर डेवलपमेंट प्रोग्राम 'डेक्सटेरिटी टू कॉलेज' के छात्रों ने विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों से 100 करोड़ से भी अधिक की छात्रवृत्ति प्राप्त की है।