तालिबान ने भारत से की अफगानिस्तान में अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की मांग
तालिबान ने भारत से अफगानिस्तान में पड़े अपने अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की मांग की है। तालिबानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बाल्खी ने कहा कि मानवीय पहलू से अब बात विकास के पहलू की तरफ बढ़ेगी। भारतीय पक्ष को बता दिया गया है कि वह अपने कुछ अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा कर सकता है। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को एक साल पूरा हो गया है।
अफगानिस्तान में कई प्रोजेक्ट्स पर चल रहा था भारत का काम
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बाल्खी ने काबुल स्थित शहतूत बांध का जिक्र करते हुए कहा कि इसका काम पूरा होना चाहिए। उन्होंने कहा, "भारत के यहां पर कई प्रोजेक्ट्स हैं, जो अधूरे पड़े हैं। हमने उनसे इन्हें पूरा करने का निवेदन किया है। अगर ये पूरे नहीं होते हैं तो अभी तक हुआ काम भी बेकार जाएगा।" गौरतलब है कि भारत अफगानिस्तान में सड़कें, बांध, बिजली आपूर्ति के लिए लाइनें, स्कूल और अस्पताल आदि बना रहा था।
चाबहार तट से कनेक्टिविटी की योजना
बाल्खी ने कहा कि चाबहार तट से कनेक्टिविटी की समीक्षा के लिए तालिबान कोशिशें कर रहा है। इसके लिए ईरान और भारत को संदेश भेजा गया है। उन्होंने इसकी समीक्षा के लिए सहमति जताई है। बाल्खी ने कहा कि तालिबान तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-इंडिया (TAPI) पाइपलाइन प्रोजेक्ट को भी फिर से शुरू करने का इच्छुक है। जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान इसके लिए जमीन देने को तैयार नहीं है तो उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है।
दोगुना हुआ है भारत से व्यापार- बाल्खी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत के साथ अफगानिस्तान का व्यापार दोगुना हो गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत के जरिये दोनों पक्ष बाकी समस्याओं और चिंताओं को भी दूर कर लेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि तालिबान के सत्ता में आने से पहले भारत अफगानिस्तान में कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा था। भारत ने 20 सालों में वहां तीन बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
अफगानिस्तान में दोबारा खुला भारतीय दूतावास
पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के समय बंद हुआ काबुल स्थित भारतीय दूतावास फिर से खुल गया है। फिलहाल इस मिशन का नेतृत्व निदेशक स्तर के एक भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी कर रहे हैं। उनके अलावा वहां चार अन्य अधिकारियों को तैनात किया गया है और सुरक्षा के लिए ITBP की टीम भेजी गई है। भारत ने कहा कि अफगानी लोगों की मानवीय और मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने के लिए दूतावास खोला गया है।
तालिबान ने किया फैसले का स्वागत
शनिवार को तालिबान ने बयान जारी कर कहा कि वह भारत के काबुल में राजनयिक उपस्थिति बढ़ाने के फैसले का स्वागत करता है। तालिबान की तरफ से सुरक्षा और सभी जरूरी सहयोग का भरोसा भी दिया गया है।