मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर जल्द जारी होगी विस्तृत गाइडलाइंस, स्वास्थ्य मंत्रालय ने की तैयारी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के बीच दुनिया पर मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।
वर्तमान में 20 से अधिक देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की है।
ऐसे में भारत में इसको लेकर सरकार सतर्क हो गई है। हालांकि, यहां अभी तक इसका कोई मामला नहीं मिला है, लेकिन गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी करने को कहा है।
बैठक
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बैठक में किया गाइडलाइंस जारी करने का निर्णय
इससे पहले सोमवार को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), WHO और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (ICMR) के अधिकारियों ने अहम बैठक मंकीपॉक्स संक्रमण पर चर्चा की थी।
बैठक में मंकीपॉक्स से प्रभावित देशों की यात्रा कर लौटने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइन तैयार करने पर सहमति जताई गई थी।
उसके बाद से ICMR और ICMR के अधिकारी इसके उपचार और रोकथाम के लिए व्यापक गाइडलाइंस तैयार कर रहे हैं। इसे जल्द जारी किया जाएगा।
एडवाइजरी
स्वास्थ्य मंत्रालय पहले भी जारी कर चुका है एडवाइजरी
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय में हाल ही में जारी एक एडवाइजरी में कहा था कि मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए अस्पतालों में आइसोलेशन की सुविधा को बढ़ाना चाहिए और मंकीपॉक्स के संदिग्ध लक्षणों या प्रभावित देशों की यात्रा से लौटे लोगों को उनमें रखते हुए जांच करानी चाहिए।
मंत्रालय ने राज्यों को सभी संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के जिला अधिकारी को देने और उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के भी निर्देश दिए थे।
जानकारी
संक्रमितों की संपर्कों की पहचान के भी दिए थे निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय में जीनोम सीक्वेंसिंग में किसी भी संक्रमित का पता चलने पर 21 दिनों में उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान करने, क्वारंटाइन करने और जांच कराने के भी निर्देश दिए थे। हालांकि, अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
पृष्ठभूमि
क्या है मंकीपॉक्स वायरस?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है।
ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी फैलाने वाले वायरस भी आते हैं।
मंकीपॉक्स वायरस का सबसे पहले 1958 में पता चला था। तब रिसर्च के लिए तैयार की गईं बंदरों की बस्तियों में इस वायरस के कारण पॉक्स जैसी बीमारी देखी गई थी।
प्रसार और लक्षण
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस और क्या हैं इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। यह वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है।
इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।
संक्रमण
अब तक किन देशों में सामने आ चुके हैं मामले?
WHO के अनुसार, अब तक अफ्रीका के बाहर 20 देशों में मंकीपॉक्स के लगभग 200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
इनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्टि्रया, मोरक्को, कनाडा, स्वीडन, इटली, बेल्जियम, फ्रांस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन, पुर्तगाल, इजरायल, स्लोवेनिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, अर्जेंटीना और स्पेन शामिल हैं।
इनमें से ब्रिटेन, पुर्तगाल और स्पेन इसके सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। स्पेन और बेल्जियम में हुई रेव पार्टियों का इसका जिम्मेदार माना गया है।
अपील
WHO ने की सतर्कता बरतने की अपील
WHO की तकनीकी टीम की प्रमुख मारिया वेन केरखोव ने गुरुवार को एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि अब तक 20 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हो चुकी है और इसके मामले और बढ़ने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि बढ़ते मामलों के बीच देशों को सतर्कता बरतते हुए संदिग्धों की पहचान के लिए निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए पूर्व तैयारी जरूरी है।