पाबंदियों के बावजूद फैल रहा कोरोना का नया स्ट्रेन, अब तक इन देशों में आए मामले
यूनाइटेड किंगडम (UK) में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को फैलने से रोकने की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक कई देशों में इससे संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। ये मामले मुख्य तौर से यूरोप के देशों में सामने आए हैं, हालांकि इसके अलावा अन्य बाहरी देशों में भी इससे संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। अधिक जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर अन्य देशों में भी नए स्ट्रेन के मामले सामने आने की आशंका है।
सितंबर से UK में फैल रहा है नया स्ट्रेन
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहली बार सितंबर में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में पाया गया था और UK की सरकार ने इसके 70 प्रतिशत संक्रामक होने का दावा किया है। अभी ये लंदन और UK के अन्य हिस्सों में बहुत तेजी से फैल रहा है और कुछ ही समय में यहां कोरोना वायरस का प्रमुख वेरिएंट बन गया है। इस स्ट्रेन के अधिक घातक होने के सबूत नहीं मिले हैं, हालांकि अभी इस दिशा में और शोध किए जा रहे हैं।
यात्रा पर पाबंदी के बावजूद कई देशों में आए नए स्ट्रेन के मामले
दिसंबर की शुरूआत में UK के नए स्ट्रेन के बारे में खुलासा करने के बाद से 50 से अधिक देश UK से आने-जाने वाली उड़ानों पर रोक और अन्य कई तरीके की पाबंदियां लगा चुके हैं, हालांकि इसके बावजूद कई देशों में नए स्ट्रेन से संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। यूरोपीय देशों की बात करें तो अब तक फ्रांस, डेनमार्क, स्पेन, स्वीडन, नीदरलैंड्स, जर्मनी और इटली में नए स्ट्रेन के मामले पकड़ में आए हैं।
यूरोप से बाहर इन देशों में आ चुके हैं मामले
यूरोप से बाहर के देशों के बात करें तो जापान, ऑस्ट्रेलिया, लेबनान और कनाडा में नए स्ट्रेन से संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। कनाडा की सरकार ने शनिवार को ही एक दंपत्ति के नए स्ट्रेन से संक्रमित होने की पुष्टि की। इस दंपत्ति का देश से बाहर यात्रा का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिसका मतलब उन्हें किसी अन्य व्यक्ति से संक्रमण लगा है और ये कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मामला है।
सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका और भारत में नए स्ट्रेन का कोई मामला नहीं
एक राहत की बात ये है कि दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों अमेरिका और भारत में अभी तक नए स्ट्रेन से संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि विशेषज्ञों ने अमेरिका में नए स्ट्रेन के पहले ही पहुंचने की आशंका जताई है और देश में कम जीनोम सीक्वेंसिंग को इन मामलों के पकड़ में न आने का कारण बताया है। अमेरिका के विपरीत भारत में बड़े पैमाने पर जीनोम सीक्वेंसिंग हो रही है।
दक्षिण अफ्रीका में पाए गए एक और वेरिएंट पर रखी जा रही नजर
बता दें कि दुनियाभर के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य अधिकारी इस UK वेरिएंट के अलावा दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना वायरस के एक और नए वेरिएंट पर भी नजर रख रहे हैं और इसके भी अधिक तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है। ये वेरिएंट पहले ही UK पहुंच चुका है और यहां के स्वास्थ्य मंत्री ने इसके UK वेरिएंट से भी अधिक संक्रामक होने का दावा किया था। दक्षिण अफ्रीका ने इस दावे को खारिज किया है।
वैक्सीनों की मदद से महामारी से राहत पाने के मुहाने पर खड़ी है दुनिया
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के ये नए वेरिएंट ऐसे समय पर सामने आए हैं जब दुनिया कोविड वैक्सीनों की मदद से जल्द से जल्द इस महामारी से मुक्ति पाने की उम्मीद पाले बैठी है। अमेरिका और UK जैसे चंद देशों में वैक्सीन का वितरण शुरू भी हो चुका है, वहीं भारत और तुर्की समेत अन्य कई देश जल्द ही वैक्सीनेशन शुरू कर सकते हैं। यूरोपीय संघ ने भी फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।