गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे UK के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, स्वीकार किया निमंत्रण
क्या है खबर?
यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत के अगले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने इस संबंध में भारत का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। वे गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि बनने वाले UK के कुल छठवें व्यक्ति होंगे।
बता दें कि भारत सरकार अपने रणनीतिक, कूटनीतिक, कारोबारी और भू-राजनीतिक हितों और संबंधों को देखते हुए गणतंत्र दिवस के अपने समारोह के मुख्य अतिथि का चयन करती है और इसका बहुत प्रतीकात्मक महत्व है।
ऐलान
भारत दौरे पर आए UK के विदेश मंत्री ने किया ऐलान
भारत दौरे पर आए UK के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने जॉनसन के निमंत्रण स्वीकार करने का ऐलान करते हुए कहा, "UK के प्रधानमंत्री जॉनसन ने जनवरी में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है, जोकि एक महान सम्मान है।"
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी जॉनसन के मुख्य अतिथि बनने को भारत और UK के संबंधों के नए दौर का प्रतीक बताया।
रिपोर्ट
नवंबर तक तय हो जाता है मुख्य अतिथि, महामारी के कारण हुई देरी
गौरतलब है कि इंडियन एक्सप्रेस ने कुछ समय पहले ही भारत सरकार द्वारा अनाधिकारिक माध्यमों के जरिए जॉनसन को 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने का निमंत्रण भेजे जाने की खबर दी थी।
आमतौर पर हर साल नवंबर तक ही मुख्य अतिथि का नाम तय हो जाता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण इसमें देरी हुई और भारत ने पहले जॉनसन का मन टटोलने की कोशिश की।
मुख्य अतिथि
UK के ये लोग भी बन चुके हैं गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि
जॉनसन भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने वाले UK के दूसरे प्रधानमंत्री और कुल छठवें व्यक्ति हैं। उनसे पहले 1993 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉन मेजर गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बने थे।
इसके अलावा ब्रिटिश राज परिवार के दो सदस्य- 1959 में प्रिंस फिलिप और 1961 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय- भी मुख्य अतिथि रह चुके हैं।
1956 में UK के वित्त मंत्री रैप बटलर और 1964 में CDS लॉर्ड लुईस माउंटबेटन मुख्य अतिथि रहे थे।
अहमियत
बेहद नाजुक समय पर मुख्य अतिथि बनने जा रहे हैं जॉनसन
बता दें कि जॉनसन ऐसे समय पर भारत के मुख्य अतिथि बनने जा रहे हैं जब ब्रिटेन, भारत और दुनिया, सभी बड़े बदलावों के दौर से गुजर रहे हैं।
जहां ब्रिटेन ब्रेक्जिट को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है और इसका भारत और अन्य देशों के साथ उसके कारोबार पर बड़ा असर हो सकता है, वहीं कोरोना वायरस महामारी ने भी दुनिया के शक्ति संतुलन को बिगाड़ दिया है और चीन जैसी चुनौतियां दुनिया के सामने खड़ी हैं।
कारण
क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?
26 जनवरी, 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ था और इसलिए हर साल 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
इस दिन देश के राष्ट्रपति दिल्ली के राजपथ पर तिरंगा फहराते हैं और तीनों सेनाएं और अन्य बल अपना दमखम दिखाते हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक झाकियां भी निकाली जाती हैं।
मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किए जाने वाले राष्ट्राध्यक्ष या अन्य अतिथि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ मिलकर इन झाकियों का लुत्फ उठाते हैं।