योगी आदित्यनाथ बोले, मुगलों और अंग्रेजों ने किया अर्थव्यवस्था को कमजोर, जानें कितना सही कितना गलत
क्या है खबर?
देश और ज्यादातर राज्यों की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं के पास मौजूदा समस्याओं का भले ही कोई समाधान न हो, लेकिन इतिहास की हर समस्या के समाधान की चाबी उनके पास है।
ऐसे समय जब देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है, तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर बात करने की बजाय मुगलों और अंग्रेजों के जमाने की बात कर रहे हैं।
बयान
क्या कहा योगी आदित्यनाथ ने?
मुंबई में 'विश्व हिंदू अर्थव्यवस्था मंच' के एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुगलों और अंग्रेजों को भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने का जिम्मेदार बताया।
उन्होंने कहा कि जब मुगल भारत में आए थे तब भारत दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति था और जब अंग्रेज भारत छोड़ कर गए, तब भारत अपने गौरवशाली इतिहास की मात्र एक छाया बनकर रह गया था।
बता दें कि मुगल 1527 में भारत आए थे।
दावा
योगी बोले, मुगल शासन में 36 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी
अपनी बात रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मुगलों के भारत पर आक्रमण करने से पहले भारत दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति था। जब मुगल भारत आए तब वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की एक-तिहाई हिस्सेदारी थी।"
उन्होंने आगे कहा, "मुगल शासन के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की 36 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। जब वो छोड़कर गए और अंग्रेज आए, तब भारत की हिस्सेदारी घटकर 20 प्रतिशत रह गई थी।"
बयान
अंग्रेजों के जमाने में मात्र चार प्रतिशत रह गई हिस्सेदारी- योगी
अंग्रेजों के शासन पर बात करते हुए योगी ने कहा, "अपने 200 साल के शासन के दौरान अंग्रेजों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर किया और जब वह देश छोड़कर गए तब वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी मात्र चार प्रतिशत रह गई थी।"
पड़ताल
अंग्रेजों के बारे में योगी आदित्यनाथ का दावा कितना सही?
योगी आदित्यनाथ की ये बात ऐतिहासिक रूप से सही है कि अंग्रेजों ने भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया।
18वीं शताब्दी के दूसरे दशक में औद्योगिक क्रांति के बाद अपने यहां मिलों में बने कपड़ों के लिए बाजार तैयार करने के लिए अंग्रेजों ने सिलसिलेवार तरीके से भारत के कपड़ों के पारंपरिक उद्योग को पूरी तरह नष्ट कर दिया।
ये उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा आधार थे और इससे बड़े स्तर पर गरीबी और बेरोजगारी फैली।
जानकारी
कृषि क्षेत्र को भी किया गया बर्बाद
इसके अलावा अंग्रेजों ने किसानों पर भी तरह-तरह के टैक्स लगाए और उन्हें अंग्रेजों की जरूरत की चीजों, जैसे कि नील की फसल करने को कहा। इससे किसानों की स्वतंत्रता जाती रही और वो सूखे और भुखमरी से ज्यादा प्रभावित हुए।
मुगल काल
मुगलों के बारे में योगी का दावा कितना सही?
मुगलों के बारे में योगी की टिप्पणी तथ्यों की बजाय पूर्वाग्रह पर अधिक निर्भर नजर आती है।
ये तथ्य कि अंग्रेजों के जमाने तक भारत के कपड़ों के कुटीर उद्योग अच्छे से चल रहे थे, अपने आप में ये बताने के लिए काफी है कि मुगलों के जमाने में इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
मुगलों ने भारत की ग्रामीण जीवनशैली और अर्थव्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं की और ये अपनी पुरानी रफ्तार में ही चलती रहीं।
खामी
बदलती वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में नहीं रखतीं ऐसी तुलनाएं
अब आदित्यनाथ द्वारा दिए गए मुगल काल के आंकड़ों पर बात करते हैं।
अक्सर ऐसी तुलना करते वक्त हम ये भूल जाते हैं कि पूरी दुनिया में बदलती परिस्थितियों का असर भी भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उसकी हिस्सेदारी पर पड़ेगा।
जब मुगल भारत आए, उस दौरान यूरोप में पुनर्जागरण काल चल रहा था और इसके बाद औद्योगिक क्रांति आई। इसी दौरान अमेरिका और अन्य नए द्वीपों की खोज हुई।
ऐसे में भारत की हिस्सेदारी घटना लाजिमी नजर आता है।