ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की कुर्सी बची, सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव गिरा
ब्रेक्जिट डील पर ब्रिटिश संसद के इतिहास की सबसे बड़ी हार झेलने के बाद प्रधानमंत्री थेरेसा मे के लिए राहत भरी खबर आई है। उनकी सरकार के खिलाफ पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव संसद में गिर गया है। वोटिंग में 325 सांसदों ने थेरेसा सरकार के समर्थन में वोट दिया, वहीं 306 वोट विरोध में पड़े। भारी बहुमत से ब्रेक्जिट बिल गिरने के बाद संसद में विपक्ष के नेता जेरेमी कोर्बिन ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
ब्रेक्जिट डील की चुनौती अभी भी बरकरार
अविश्वास प्रस्ताव पर भारतीय समयानुसार बुधवार देर रात वोटिंग हुई। जीतने के बाद सरकार गिरने का संकट तो टल गया लेकिन थेरेसा के सामने अभी भी ब्रेक्जिट पर कोई ठोस रास्ता निकालने की चुनौती बनी हुई है। ब्रेक्जिट पर उनका पिछला प्रस्ताव 202 के मुकाबले 432 वोट से गिर गया था। खुद उनकी पार्टी के 118 सांसदों ने विरोध में वोट दिया था। 230 वोट से मिली यह हार ब्रिटिश इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री की सबसे बड़ी हार है।
ब्रेक्जिट की अंतिम तारीख 29 मार्च, 2019
ब्रिटेन के नियमों के अनुसार, संसद में कोई भी बिल खारिज होने के बाद उसे दोबारा लाने के लिए प्रधानमंत्री के पास 3 कामकाजी दिन होते हैं। यूरोपीय संघ (EU) से ब्रिटेन के बाहर होने की अंतिम तारीख 29 मार्च है। ब्रेक्जिट पर पिछले प्रस्ताव में थेरेसा ने ब्रिटेन और EU के बीच नए व्यापारिक और राजनीतिक संबंधों को लागू करने के लिए 2 साल का समय मांगा था। नए संबंधों के लागू होने की तारीख 31 दिसंबर 2020 थी।
कोर्बिन ने पेश किया था अविश्वास प्रस्ताव
थेरेसा की ब्रेक्जिट डील को लेबर पार्टी के नेता कोर्बिन ने ब्रिटेन को नुकसान पहुंचाने वाला बताया था। उनके अनुसार थेरेसा का प्रस्ताव अधकचरा था और देश के लिए अंधेरे में छलांग लगाने के समान था। कोर्बिन ने प्रस्ताव गिरने पर थेरेसा की हार को विनाशकारी बताते हुए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया था। बता दें कि 29 मार्च तक अगर डील पास नहीं होती है तो ब्रिटेन को बिना किसी डील के EU से बाहर होना होगा।