अमेरिका ने दी फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी, ऐसा करने वाला छठवां देश
अमेरिका ने फाइजर कंपनी की कोरोना वायरस वैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी दे दी है और वह ऐसा करने वाला पांचवां देश बन गया है। अमेरिका से पहले यूनाइटेड किंगडम (UK), कनाडा, बहरीन और सऊदी अरब भी वैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी दे चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मामले पर वीडियो जारी करते हुए इसे "मेडिकल चमत्कार" बताया है और 24 घंटे के अंदर पहली खुराक दिए जाने की बात कही है।
FDA पर था वैक्सीन को मंजूरी देने का दबाव
बता दें कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) पर वैक्सीन को जल्द से जल्द मंजूरी देने का दबाव बना हुआ था और गुरूवार को FDA की विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के बाद ये दबाव और बढ़ गया था। वॉशिंगटन पोस्ट ने तीन सूत्रों के हवाले से कहा है कि व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोस ने FDA प्रमुख स्टीफन हान को शुक्रवार तक वैक्सीन को मंजूरी देने या फिर अपना इस्तीफा भेजने का निर्देश दिया था।
95 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है फाइजर की वैक्सीन
फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मन कंपनी बायोनटेक ने पिछले महीने कहा था कि इंसानी ट्रायल के तीसरे चरण के अंतिम विश्लेषण में उनकी वैक्सीन 95 प्रतिशत असरदार पाई गई है। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी कहा था कि वैक्सीन सुरक्षा मानकों पर खरी उतरी है। विश्लेषण में ये हर उम्र के लोगों के लिए कारगर पाई गई है। किसी भी वॉलेंटियर में कोई गंभीर सुरक्षा चिंता देखने को नहीं मिली है।
वैक्सीन को -70 डिग्री तापमान पर स्टोर करने की जरूरत
इस वैक्सीन को -70 डिग्री तापमान पर स्टोर करने की जरूरत होगी। वैक्सीन को ड्राई आइस में पैक करने के बाद खास तौर पर बनाए गए डिब्बों में रखकर डिलीवर किया जाएगा। इसे पांच दिनों तक फ्रीज में रखा जा सकता है।
नई mRNA तकनीक पर बनी है फाइजर की वैक्सीन
फाइजर की ये वैक्सीन एक नई तकनीक पर आधारित है और इसे mRNA तकनीक के जरिए बनाया गया है। इस तकनीक में वायरस के जिनोम का प्रयोग कर कृत्रिम RNA बनाया जाता है जो सेल्स में जाकर उन्हें कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है। इन स्पाइक प्रोटीन की पहचान कर सेल्स कोरोना की एंटीबॉडीज बनाने लग जाती हैं। मॉडर्ना की संभावित वैक्सीन भी इसी तकनीक पर बनी है।
अमेरिका में चरम पर है कोरोना वायरस का कहर
फाइजर की वैक्सीन को ये मंजूरी ऐसे समय पर दी गई है जब अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर अपने चरम पर है और बुधवार को यहां एक दिन में सबसे अधिक 3,000 मौतें हुईं। देश में अभी तक कुल 1.58 करोड़ लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 2.95 लाख लोगों की मौत हुई है। कोरोना के इस कहर को रोकने के लिए अमेरिका ने इसी महीने करीब दो करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना बनाई है।