दुनियाभर में 82 करोड़ से ज्यादा लोग भुखमरी से प्रभावित, तीन सालों से बढ़ रही संख्या
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 82.1 करोड़ लोग भुखमरी से प्रभावित हैं। बीते साल यह संख्या 81.1 करोड़ थी। यह लगातार तीसरा साल है जब भुखमरी से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ी है। एक दशक तक गिरावट रहने के बाद जलवायु परिवर्तन और युद्ध के चलते 2015 से कुपोषण के आकंडों में इजाफा होने लगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी दुनिया बनाना जहां कोई भी भूखा न रहे एक बड़ी चुनौती है।
2030 तक नहीं पूरा होगा भूखमरी खत्म करने का लक्ष्य
रिपोर्ट को तैयार करने वाली एजेंसी वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के प्रमुख डेविड बीस्ले ने बताया कि भुखमरी को समाप्त करने का लक्ष्य 2030 से पहले पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा, "यह गलत रूझान है। सबके लिए खाना उपलब्ध नहीं होने तक दुनिया में शांति और स्थिरता नहीं आ सकती।" उन्होंने मौजूदा दौर में मीडिया की कवरेज पर सवाल उठाते हुए कहा बच्चों की भूख से ज्यादा मीडिया ब्रेग्जिट और डोनाल्ड ट्रंप के बारे में बात कर रहा है।
भुखमरी खत्म करने के लिए आर्थिक और सामाजिक नीति की जरूरत
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अतिवादी समूह समाज में विभाजन और नए लोगों को खुद से जोड़ने के लिए भूख और खाने की आपूर्ति पर नियंत्रण को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा और पोषण को सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक और सामाजिक नीति की जरूरत है ताकि आर्थिक चक्र के दुष्प्रभावों का सामना किया जा सके। ऐसा करते समय स्वास्थ्य, शिक्षा को हर हाल में बचाया जाना चाहिए।
अफ्रीका में सबसे ज्यादा कुपोषण
रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका में कुपोषण की समस्या सबसे ज्यादा हैं, जहां 20 प्रतिशत आबादी इससे प्रभावित है। वहीं एशिया में कुपोषण से प्रभावित आबादी की संख्या 12 प्रतिशत है। इसके बाद लैटिन अमेरिका की सात प्रतिशत आबादी कुपोषण से जूझ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 200 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। इनमें से आठ प्रतिशत उत्तरी अमेरिका और यूरोप में हैं।
ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन पर रोक लगाने की जरूरत
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले संगठन ने कहा कि 2030 तक कुपोषित से प्रभावित बच्चों की संख्या आधी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए किए जा रहे प्रयास अपर्याप्त है। वहीं ऑक्सफेम ने कहा कि अगर 2030 तक भूखमरी को खत्म करने का लक्ष्य हासिल करना है तो सरकारों को ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन पर तुरंत रोक लगानी होगी। इसके साथ छोटे स्तर की खेती को बढ़ावा देने और हिंसक विवादों को खत्म करने की जरूरत है।