ईरान ने किया इजरायल पर हमला, 200 से ज्यादा मिसाइल-ड्रोन दागे
मध्य-पूर्व में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अब ईरान ने इजरायल पर सीधा हमला कर दिया है। ईरान ने इजरायल पर 200 से ज्यादा मिसाइल और ड्रोन दागें हैं। ईरानी सेना ने इसे 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस' नाम दिया है। हालांकि, इनमें से कई को या तो अमेरिका या इजरायल की आयरन डोम प्रणाली ने मार गिराया है। इजरायल के कई शहरों में सायरन की आवाजें सुनाई दे रही हैं और सेना को अलर्ट पर रखा गया है।
हमलों में कितना हुआ नुकसान?
इसरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा, "अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ हम इजरायली राष्ट्र और उसकी जनता की रक्षा करने के लिए पूरी ताकत से लगे हुए हैं।" उन्होंने बताया कि इजरायल में कुछ मिसाइलें आकर गिरी हैं, जिससे एक सैन्य अड्डे को मामूली नुकसान पहुंचा है और किसी की जान नहीं गई है। दक्षिणी अरद क्षेत्र में एक 10 साल की बच्ची मलबा गिरने से घायल हुई है।
हमले को लेकर इजरायल ने क्या कहा?
डेनियल हगारी ने कहा, "ईरान ने ईरानी जमीन से इजरायल पर सीधे हमले शुरू किए हैं। इजरायल की ओर आ रहे ईरान के किलर ड्रोंस पर हम नजर रख रहे हैं, जिन्हें ईरान भेज रहा है।" इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "देश के डिफेंस सिस्टम को काम पर लगा दिया गया है। हम किसी भी तरह की स्थिति के लिए तैयार हैं, चाहे रक्षात्मक हो या आक्रामक। इजरायल राष्ट्र मजबूत है, सेना मजबूत है, जनता मजबूत है।"
भारत बोला- शांति से निकालें विवाद का हल
घटनाक्रम पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, "ईरान-इजरायल के बीच बढ़ता विवाद क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। हम तुरंत तनाव खत्म करने और हिंसा को रोकने की अपील करते हैं। दोनों देशों को कूटनीति से विवाद सुलझाना चाहिए। हम मामले पर नजर बनाए हुए हैं। दोनों देशों में मौजूद हमारे दूतावास वहां रह रहे भारतीय नागरिकों से संपर्क में हैं। क्षेत्र में शांति बनाए रखना सबसे ज्यादा जरूरी है।"
ईरान ने खाई थी दूतावास पर हमले का बदला लेने की कसम
दरअसल, इजरायली सेना ने 1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था। इस दौरान हवाई बमबारी में दूतावास की एक इमारत को पूरी तरह नष्ट हो गई थी। इस हमले में ईरान के 7 वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मारे गए थे। इसके बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा था कि हमला करने के लिए इजरायल को दंडित किया जाना चाहिए और ऐसा किया जाएगा।
कई देशों ने की हमले की निंदा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा, "मैं इजरायल के खिलाफ ईरानी शासन के लापरवाही भरे हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। ब्रिटेन इजरायल की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा।" जर्मनी, फ्रांस और यूरोपीय संघ (EU) ने भी ईरान के हमले की निंदा की है। EU के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा, "EU इजरायल के खिलाफ अस्वीकार्य ईरानी हमले की कड़ी निंदा करता है। यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।"