फिनलैंड लगातार 7वीं बार बना दुनिया का सबसे खुशहाल देश, भारत को मिला यह स्थान
संयुक्त राष्ट्र (UN) की विश्व खुशहाली रिपोर्ट में बुधवार को फिनलैंड को लगातार 7वीं बार दुनिया का सबसे खुशहाल देश बताया गया। इस रिपोर्ट में 143 देशों का आकलन किया गया है, जिसमें डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन जैसे नॉर्डिक देशों ने भी शीर्ष दस में अपनी जगह बरकरार रखी। 2020 में तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद से परेशान अफगानिस्तान सर्वेक्षण में शामिल 143 देशों में सबसे नीचे रहा। आइए जानते हैं कि भारत का स्थान क्या रहा।
इस रिपोर्ट में भारत को मिला 126वा स्थान
खुशहाली इंडेक्स में भारत पिछले साल की तरह ही 126वें स्थान पर है। वैवाहिक स्थिति, सामाजिक जुड़ाव और शारीरिक स्वास्थ्य जैसे कारक ही वृद्ध भारतीयों में जीवन संतुष्टि को प्रभावित कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में विवाहित और शिक्षा प्राप्त किए हुए भारतीय लोग बेहतर जीवन जीते हैं और खुश रहते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत की GDP दर तो बढ़ रही है, लेकिन खुशी लगातार घट रही है।
लेखकों ने आकड़ों को बताया चिंताजनक
एक दशक में पहली बार अमेरिका और जर्मनी 20 सबसे खुशहाल देशों में शुमार नहीं हैं। दोनों देश रैंकिंग में पिछड़कर 23वें और 24वें स्थान पर आ गए हैं। बता दें कि कोस्टा रिका और कुवैत ने 12वे और 13वे स्थान पर आकर शीर्ष 20 में प्रवेश किया। रिपोर्ट में यूरोप को छोड़कर सभी क्षेत्रों में खुशी की असमानता में चिंताजनक वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट के लेखक इस बात को चिंताजनक बताते हैं।
शीर्ष 10 देशों में नहीं है किसी भी बड़े देश का नाम
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे खुशहाल देशों में अब दुनिया का कोई भी सबसे बड़ा देश शामिल नहीं है। शीर्ष 10 देशों में केवल नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया की आबादी 15 मिलियन से अधिक है, वहीं केवल कनाडा और यूनाइटेड किंगडम की आबादी 30 मिलियन से अधिक है। 2006-10 के बाद से खुशी के स्तर में सबसे तेज गिरावट अफगानिस्तान, लेबनान और जॉर्डन में देखी गई। वहीं सर्बिया, बुल्गारिया और लातविया में सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गई।
फिनलैंड इन कारणों से है सबसे खुशहाल देश
यह खुशहाली रिपोर्ट व्यक्तियों के जीवन संतुष्टि के मूल्यांकन के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (GDP), सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार पर आधारित होती है। फिनलैंड की एक शोधकर्ता जेनिफर डी पाओला ने बताया कि यहां के लोगों का प्रकृति से गहरा संबंध और स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन उनके खुशी में योगदान देता है। इस देश का मजबूत समाज, राज्य के अधिकारियों पर भरोसा, भ्रष्टाचार का निम्न स्तर और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा भी प्रमुख कारण हैं।
अधिकांश देशों में युवा पीढ़ी रहती है ज्यादा खुश
इस साल की रिपोर्ट में पाया गया कि दुनिया के अधिकांश क्षेत्रों में युवा पीढ़ी अपनी पुरानी पीढ़ी की तुलना में ज्यादा खुश है। हालांकी, उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों की खुशी में गिरावट आई है। खुशी के स्तर में सबसे ज्यादा गिरावट अफ्रीका में देखी गयी है। इसका कारण आय, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सामाजिक स्वीकृति, विश्वास और और राष्ट्रीय स्तर पर सहायक सामाजिक वातावरण का उपलब्ध न होना है।