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    #NewsBytesExplainer: इजरायल-हमास युद्ध में यमन के हूती विद्रोहियों के शामिल होने का क्या असर पड़ेगा?
    यमन ने इजरायल के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया

    #NewsBytesExplainer: इजरायल-हमास युद्ध में यमन के हूती विद्रोहियों के शामिल होने का क्या असर पड़ेगा?

    लेखन आबिद खान
    संपादन मुकुल तोमर
    Nov 01, 2023
    07:38 pm

    क्या है खबर?

    इजरायल-हमास युद्ध में अब यमन भी शामिल हो गया है। हूती विद्रोहियों की यमन सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए इजरायल के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया है।

    इसके बाद यमन की ओर से इजरायल पर कुछ मिसाइलें भी दागी गईं। इस हमले में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

    आइए समझते हैं कि यमन के शामिल होने से युद्ध पर क्या असर होगा।

    हूती

    कौन हैं हूती विद्रोही?

    1990 के दशक में हुसैन बदरेद्दीन अल-हूती ने हूती विद्रोह की नींव रखी थी। हुसैन यमन के जैदी शिया अल्पसंख्यक समुदाय से थे।

    इसका नेतृत्व हूती जनजाति करती है और ये देश में शिया मुस्लिमों का सबसे बड़ा संगठन है।

    2000 के दशक में इस संगठन ने विद्रोही सेना का रूप ले लिया और यमन की सेना से कई बार युद्ध किया।

    2014 में हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया और अपनी सरकार बना ली।

    बयान

    हूती विद्रोहियों ने इजरायल के खिलाफ युद्ध छेड़ने का क्या कारण बताया?

    हूती संगठन के प्रवक्ता याह्या सारी ने कहा कि उन्होंने इजरायल की ओर 'बड़ी संख्या में' बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन लॉन्च किए हैं और 'फिलिस्तीनियों को जीत में मदद करने के लिए' ऐसे और हमले होंगे।

    याह्या ने कहा, "गाजा पट्टी के लोगों के प्रति धार्मिक, नैतिक, मानवीय और राष्ट्रीय जिम्मेदारी की भावना के तहत ये हमले किए गए, जो बढ़ते मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं। यह हमला यमन के लोगों की मांग के बाद शुरू किया गया।"

    खतरा

    हूतियों के युद्ध में शामिल होने के क्या मायने और क्या खतरा?

    विशेषज्ञ इसे युद्ध में ईरान के शामिल होने के तौर पर देख रहे हैं क्योंकि ईरान हूती विद्रोहियों की मदद करता रहा है।

    इसे ईरान के अप्रत्यक्ष तौर पर युद्ध में शामिल होने का संकेत माना जा रहा है।

    ईरान पर हमास और हिज्बुल्लाह की मदद करने के भी आरोप हैं और ये संगठन इजरायल से लोहा ले रहे हैं।

    हूतियों के युद्ध में शामिल होने से युद्ध के पूरे मध्य-पूर्व में फैलने का बड़ा खतरा है।

    हथियार

    कितने ताकतवर हैं हूती?

    एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार, हूतियों के पास बुर्कान बैलिस्टिक मिसाइल का एक प्रकार है, जिसे ईरानी मिसाइल के आधार पर तैयार किया गया है।

    माना जाता है कि ये मिसाइल 1,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक हमला करने में सक्षम है।

    इससे पहले सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हमला करने के लिए हूतियों ने क्रूज मिसाइल और ड्रोन का इस्तेमाल किया था।

    ऐसे में वो इजरायल के अंदर तक हमला कर सकते हैं।

    खतरा

    मामले पर इजरायल का क्या मत?

    इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ईरान पर आरोप लगा चुके हैं कि वो यमन से इजरायल पर मिसाइल हमला करने की तैयारी कर रहा है।

    उन्होंने कहा था, "ईरान सटीक-निर्देशित मिसाइलों से इजरायल पर हमला करने के लिए इराक, सीरिया, लेबनान और यमन को आधार बना सकता है। यह एक बड़ा, बहुत बड़ा खतरा है।''

    इस बयान से साफ है कि इजरायल हूतियों के हमले को ईरान के हमले के तौर पर देखता है और आवश्यक कदम उठा सकता है।

    हमला

    हूती विद्रोहियों के हमले पर अमेरिका का क्या कहना है?

    अमेरिका ने भी हूती विद्रोहियों के हमले और युद्ध में शामिल होने की घोषणा पर प्रतिक्रिया दी है।

    अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पत्रकारों से कहा, "अगर कोई भी इस संघर्ष में शामिल होने की सोच रहा है तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।"

    दूसरी ओर अमेरिका के रक्षा मुख्याल पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा कि इजरायल ने हूती विद्रोहियों की ओर से दागी मिसाइल को मार गिराया है।

    इजरायल-हमास युद्ध

    न्यूजबाइट्स प्लस

    7 अक्टूबर को शुरू हुए इजरायल और हमास के युद्ध में अब तक 10,063 लोगों की मौत हो चुकी है।

    इजरायल के 1,538 लोग मारे गए हैं और 5,431 घायल हुए हैं।

    दूसरी ओर इजरायल के हमलों में गाजा पट्टी के 8,525 लोग मारे गए हैं और 21,543 से अधिक घायल हुए हैं।

    हमास ने इजरायल के 224 नागरिकों को अभी भी बंधक बना रखा है, जिन्हें छुड़ाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

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