#NewsBytesExplainer: दर्शन हीरानंदानी ने महुआ मोइत्रा पर क्या गंभीर आरोप लगाए और उन्होंने क्या जवाब दिया?
रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी कर उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महुआ ने भी इन आरोपों का जवाब देते हुए 2 पन्ने का खुला पत्र जारी किया है। आइए जानते हैं हीरानंदानी ने महुआ पर क्या आरोप लगाए और महुआ ने इनका क्या जवाब दिया है।
सबसे पहले जानें क्या है पूरा मामला
भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए हीरानंदानी समूह के CEO दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछने का गंभीर आरोप लगाया है। आरोप है कि महुआ ने हीरानंदानी को अपना लोकसभा का आईडी और पासवर्ड दे दिया था, जिसके जरिए हीरानंदानी अडाणी समूह के खिलाफ सवाल पूछते थे। इस मामले पर लोकसभा की आचार समिति 26 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में क्या कहा है?
हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में स्वीकार किया कि उन्होंने महुआ के कहने पर उनके लोकसभा के लॉगिन का इस्तेमाल करके अडाणी समूह के खिलाफ सवाल किए। उन्होंने कहा कि महुआ महत्वाकांक्षी हैं और राष्ट्रीय राजनीति में जल्दी से अपना नाम बनाना चाहती थीं। उनके अनुसार, इसके लिए महुआ ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करने का रास्ता चुना, लेकिन प्रधानमंत्री अपने काम में आलोचना लायक कसर नहीं छोड़ते हैं, इसलिए महुआ ने गौतम अडाणी के जरिए उन्हें घेरना चाहा।
हीरानंदानी ने महुआ की मदद करने के क्या कारण बताए?
हीरानंदानी ने कहा कि महुआ के कारण उन्हें विपक्ष द्वारा शासित राज्यों में राहुल गांधी, शशि थरूर और पिनाकी मिश्रा जैसे नेताओं का साथ मिल रहा था, इसलिए वो उनका साथ देते रहे। इसके अलावा उन्होंने महुआ के साथ अपनी करीबी संबंधों को भी इसका कारण बताया। उन्होंने बताया कि महुआ विपक्ष और मीडिया के एक वर्ग से मिल रहे अभूतपूर्ण समर्थन से काफी खुश थीं, इसलिए उन्होंने उनसे कहा कि वह उनका समर्थन करते रहें।
हीरानंदानी का आरोप, ये लोग करते थे महुआ की मदद
हीरानंदानी ने आरोप लगाया कि अडाणी के खिलाफ असत्यापित जानकारी इकट्ठा करने में सुचिता दलाल और शार्दुल श्रॉफ महुआ की मदद करते थे। उन्होंने कहा कि अडाणी और उनकी कंपनी को निशाना बनाने में और भी लोग शामिल थे, जिनमें राहुल गांधी भी हैं। उन्होंने दावा किया कि फाइनेंशियल टाइम्स, न्यूयॉर्क टाइम्स, BBC और अन्य भारतीय प्रकाशन के साथ भी महुआ का जुड़ाव था, जिनके साथ वो अडाणी समूह पर असत्यापित जानकारी साझा करती थीं।
हीरानंदानी ने महुआ को उपहार देने की बात भी स्वीकारी
हीरानंदानी ने दावा किया कि इसके बदले वो महुआ के भारी-भरकम मांगें पूरी करते थे, ताकि उनका समर्थन बना रहे। इनमें महंगी विलासिता की वस्तुएं, दिल्ली में उनके आधिकारिक तौर पर आवंटित बंगले का नवीनीकरण, यात्रा व्यय और छुट्टियों के खर्च के अलावा भारत के भीतर और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उनकी यात्रा के लिए सचिवीय और रसद सहायता शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वो महुआ को 2017 से तब से जानते हैं जब वो बंगाल की विधायक थीं।
महुआ ने हीरानंदानी के आरोपों पर क्या कहा?
महुआ ने हीरानंदानी के आरोपों पर 2 पन्नों का जवाब ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि 3 दिन पहले ही हीरानंदानी समूह ने मामले में आधिकारिक बयान जारी करते हुए सभी आरोपों को निराधार बताया था और अब मीडियो में एक "सरकारी गवाह का हलफनामा" लीक कर दिया गया है। हलफनामे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते उन्होंने कहा कि ये कागज के एक सफेद टुकड़े पर है, जिसमें कोई लेटरहेड नहीं है और इसमें कुछ आधिकारिक नहीं है।
महुआ ने हलफनामे पर खड़े किए 5 सवाल
महुआ ने अपने पत्र में हलफनामें पर 5 सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि हीरानंदानी को अभी तक CBI या आचार संहिता समिति या किसी भी जांच एजेंसी ने तलब नहीं किया है तो ये हलफनामा उन्होंने किसे दिया है। उन्होंने पूछा कि हलफनामा किसी आधिकारिक लेटरहेड की बजाय सफेद कागज पर है और सम्मानित ऐसे कागज पर हस्ताक्षर क्यों करेगा। उन्होंने हलफनामे में राहुल समेत अडाणी पर सवाल उठाने वाले सभी लोगों का नाम घुसाने पर भी सवाल उठाया।
महुआ ने और क्या सवाल पूछे?
हीरानंदानी के नाराजगी मोल लेने के डर के कारण महुआ का साथ देने के आरोप पर महुआ ने पूछा कि ऐसे धनी और सफल व्यवसायी, जिनकी प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक पहुंच है, भला उन्हें पहली बार के सांसद द्वारा उपहार देने और उनकी मांग पूरा करने के लिए कैसे मजबूर किया जा सकता है। अपने आखिरी सवाल में उन्होंने पूछा कि हीरानंदानी ने अभी तक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके या आधिकारिक तौर पर ये हलफनामा क्यों नहीं साझा किया।
महुआ का दावा- PMO ने तैयार किया हलफनामा
महुआ ने दावा किया कि ये हलफनामा प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा तैयार किया गया है और हीरानंदानी को केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) छापे का डर दिखाकर इस पर हस्ताक्षर कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा लंबे समये से उन्हें अडाणी के मुद्दे पर चुप कराने की कोशिश में थी और उनके पूर्व प्रेमी जय देहाद्रई भी उनके बदला लेना चाहते थे। उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे के खिलाफ भी वो विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पेश कर चुकी हैं।
चुका रही भाजपा और अडाणी पर सवाल उठाने की कीमत- महुआ
महुआ ने दावा किया कि भाजपा द्वारा चलाई जा रही गौतम अडाणी की सरकार के काम करने का यही तरीका है और उन्हें बदनाम करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके करीबियों को आने वाले दिनों में छापे की धमकी दी गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा और अडाणी पर सवाल उठाने की कीमत उठानी पड़ रही है, लेकिन वो उन्हें डरा नहीं सकते।