यूक्रेन संकट पर किस देश ने क्या प्रतिक्रिया दी है?

यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच पैदा हुआ तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है और इलाके पर युद्ध के बादल छाए हुए हैं। रूस ने यूक्रेन से लगती सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिक तैनात कर रखे हैं और ऊपर से आदेश मिलने पर ये बेहद कम समय में यूक्रेन पर हमला कर सकते हैं। युद्ध के इस माहौल पर अन्य देशों ने क्या प्रतिक्रिया दी है, आइए आपको बताते हैं।
रूस के साथ तनाव के बीच अमेरिका ने यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों से तुरंत देश छोड़ने को कहा है। उसने यूक्रेन स्थित अपने दूतावास को खाली करने का ऐलान भी किया है और कांसुलर सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। सैन्य कदमों की बात करें तो अमेरिका ने अपने 3,000 अतिरिक्त सैनिकों को पोलैंड में तैनात किया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस को हमला करने पर कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है।
यूनाइटेड किंगडम (UK) और न्यूजीलैंड ने भी अपने-अपने नागरिकों से तत्काल यूक्रेन छोड़ने को कहा है। UK ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे जैसे भी संभव हो, यूक्रेन छोड़ दें और अफगानिस्तान जैसी उम्मीद न करें। UK ने यूरोप में अपने सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी है। वहीं न्यूजीलैंड ने कहा है कि यूक्रेन में उसके राजनयिक प्रतिनिधि नहीं हैं और इसके कारण सरकार के अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की क्षमता बेहद सीमित है।
फ्रांस ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने को तो नहीं कहा है, लेकिन उन्हें यूक्रेन जाने से बचने की सलाह जरूर दी है। इसके अलावा दूतावास के स्टाफ और उनके परिवारों को उनकी इच्छा के अनुसार बाहर निकाले जाने की तैयारी भी चल रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कई बार बात भी कर चुके हैं और उन्होंने हर परिस्थिति के लिए तैयार होने की बात कही है।
ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी ने अपने-अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने को कहा है। ऑस्ट्रेलिया ने तो यूक्रेन की राजधानी स्थित अपने दूतावास को खाली करना भी शुरू कर दिया है और इसे दूसरे शहर के एक अस्थायी ऑफिस में शिफ्ट किया जा रहा है। जर्मनी ने बिना किसी बेहद जरूरी काम के यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों से देश छोड़ने को कहा है। इसके अलावा वह यूक्रेन में अपने दूतावास के स्टाफ को भी कम कर रहा है।
पश्चिमी देशों के नागरिकों के देश छोड़ने के बीच यूक्रेन की सरकार ने अपने लोगों से शांत रहने की अपील की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, "डर अभी लोगों का सबसे बड़ा दुश्मन बना हुआ है।"
रूस लगातार कह रहा है कि उसका यूक्रेन पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि उसने यूक्रेन से लगती अपनी सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिक तैनात कर रखे हैं। इसके अलावा उसने अपने सैनिकों को अभ्यास करने के लिए पड़ोसी देश बेलारूस भी भेजा है। इस तरह उसने यूक्रेन को तीन तरफ से घेरा हुआ है। रूस का कहना है कि यूक्रेन को NATO में शामिल करने को लेकर उसे संतोषजनक जवाब नहीं मिले हैं।
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं। दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है। रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।