दिसंबर के पहले से भारत में मौजूद हो सकता है कोरोना का नया स्ट्रेन- AIIMS निदेशक
क्या है खबर?
भारत में मंगलवार के बाद से यूनाइटेड किंगडम (UK) में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के 20 मामले सामने आ चुके हैं।
देश में भले ही दिसंबर के अंत में नए स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की पहचान हुई हो, लेकिन ऐसा भी संभव है कि यह स्ट्रेन नवंबर से ही देश में मौजूद हो। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने यह बात कही है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कोरोना का नया स्ट्रेन
नवंबर के सैंपलों की हो रही जांच- गुलेरिया
NDTV के अनुसार, डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि कोरोना का नया स्ट्रेन सितंबर से UK में फैलना शुरू हुआ था। यह हो सकता है कि वह तब से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा हो।
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह स्ट्रेन दिसंबर में आधिकारिक तौर पर पुष्टि होने से पहले भारत में मौजूद था तो उन्होंने कहा ऐसा हो सकता है। इस पर अध्ययन किया जा रहा है और नवंबर के सैंपलों की जांच हो रही है।
कोरोना वायरस
नवंबर से नए स्ट्रेन के भारत में मौजूद होने की संभावना- गुलेरिया
उन्होंने आगे कहा कि मामले बहुत ज्यादा नहीं थे, लेकिन तब UK से आवाजाही जारी थी। अगर आप हॉलैंड के डाटा को देखें तो उन्होंने कहा कि UK द्वारा दिसंबर में इस स्ट्रेन की चेतावनी जारी करने से पहले ही उनके यहां तीन लोग नए स्ट्रेन से संक्रमित पाए गए थे। इसलिए इस बात की संभावना है कि भारत में यह स्ट्रेन दिसंबर से पहले मौजूद हो। भारत में यह स्ट्रेन नवंबर या दिसंबर की शुरुआत में पहुंच गया हो।
बयान
"स्ट्रेन का ज्यादा संक्रामक होना चिंता की बात"
AIIMS निदेशक ने आगे कहा कि यह स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक है, जो चिंता की बात है। अभी इसके ज्यादा मामले नहीं है, फिर भी अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर यह फैलना शुरू हुआ तो बड़ी संख्या में लोग इससे संक्रमित हो सकते हैं।
बयान
भारत में मामले न बढ़ना राहत की बात
डॉक्टर गुलेरिया ने बात समझाते हुए कहा, "यह स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक है, जिसका मतलब है कि ज्यादा लोग संक्रमित होंगे। अगर आप पिछले 4-6 हफ्तों के डाटा को देखें तो पता चलेगा कि इनमें कोई उछाल नहीं दिख रहा है। हमारे यहां मामले लगातार कम हो रहे हैं। इसलिए ऐसा हो सकता है कि अगर यह स्ट्रेन भारत आ भी गया है तो नए संक्रमितों और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या पर असर नहीं डाल रहा है।"
जानकारी
नए स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर होगी वैक्सीन
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ बनाई जा रही वैक्सीन नए स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर होगी। नए स्ट्रेन की वजह से स्पाइक प्रोटीन के थोड़े हिस्से में बदलाव आया है, लेकिन वैक्सीन इसके कई हिस्सों के खिलाफ काम करती है।
कोरोना का नया स्ट्रेन
70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है नया स्ट्रेन
कोरोना का नया स्ट्रेन पहली बार सितंबर में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में पाया गया था और UK की सरकार ने इसके 70 प्रतिशत संक्रामक होने का दावा किया है।
अभी ये लंदन और UK के अन्य हिस्सों में बहुत तेजी से फैल रहा है और कुछ ही समय में यहां कोरोना वायरस का प्रमुख स्ट्रेन बन गया है।
इस स्ट्रेन के अधिक घातक होने के सबूत नहीं मिले हैं, हालांकि अभी इस दिशा में और शोध किए जा रहे हैं।