बिना रुके फ्रांस से भारत पहुंचा तीन राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा जत्था
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ चल रहे उच्च स्तरीय तनाव के बीच बुधवार को भारतीय वायुसेना (IAF) की ताकत और बढ़ गई है। राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर फ्रांस के साथ हुए करार के तहत तीन नए राफेल विमानों का दूसरा जत्था रात 08:14 बजे गुजरात के जामनगर एयरबेस पर पहुंच गया। IAF के शीर्ष अधिकारियों ने विमानों की आगवानी की। तीनों विमान गुरुवार को अंबाला बेस पहुंचेंगे।
जुलाई में भारत पहुंचा था पांच राफेल विमानों का पहला जत्था
गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच लगभग 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमानों का समझौता हुआ है। इनमें से पांच विमानों का पहला जत्था गत 29 जुलाई को भारत पहुंच चुका है। अगले साल के अंत तक सभी 36 विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। इनमें छह ट्रेनर विमान और 30 लड़ाकू विमान होंगे। राफेल 4.5 पीढ़ी का मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट लड़ाकू विमान है। इससे भारत को चीन और पाकिस्तान पर बड़ी बढ़त मिली है।
बिना रुके भारत पहुंचे तीनों राफेल विमान
IAF के अधिकारियों ने बताया कि इस बार तीनों विमान फ्रांस से उड़ान भरने के बाद बिना किसी स्टॉपेज से सीधे भारत पहुंचे हैं। तीनों विमानों में फ्रांसीसी और भारतीय टैंकर विमानों ने हवा में ही ईंधन भरा था। पहले जत्थे के विमानों ने अबु धाबी की अल दाफरा एयरबेस में स्टॉपेज लिया था। उन्होंने बताया कि अंबाला में सेना का पहला राफेल स्क्वाड्रन बनाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में विमानों को जामनगर में लैंड कराया गया है।
पिछले महीने फ्रांस पहुंची थी IAF की टीम
पिछले महीने IAF की एक टीम असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (परियोजना) के नेतृत्व में फ्रांस पहुंची थी। इसने राफेल की डिलीवरी की दिशा में चल रही प्रगति का जायजा लिया था। उस दौरान टीम ने दूसरे जत्थे के अक्टूबर के अंत तक भारत पहुंचने की उम्मीद जताई थी, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते दूसरा जत्था बुधवार को भारत पहुंचा है। उस दौरान टीम ने वायु सेना को प्रत्येक दो महीने में तीन-चार राफेल विमान मिलने की उम्मीद जताई थी।
अप्रैल तक भारत पहुंचेंगे राफेल विमान
भारत में पहुंचे इन आठ राफेल विमानों के बाद अब जनवरी और मार्च में तीन-तीन और अप्रैल में सात विमान भारत को मिलेंगे। इस तरह अप्रैल तक देश में 21 राफेल विमान होंगे और उनमें से 18 लड़ाकू विमान गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल होंगे।
पांच विमानों से IAF के पायलटों को फ्रांस में दिया जा रहा है प्रशिक्षण
IAF को अब तक कुल 13 विमान सौंपे जा चुके हैं। इनमें से पांच विमानों को फिलहाल फ्रांस में ही रखा गया है। यहां इनका इस्तेमाल IAF के पायलटों और सहयोगी स्टाफ को प्रशिक्षण देने के लिए किया जा रहा है। विमान उड़ाकर लाने वाले सभी पायलटों को फ्रांस में विमान बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट ने ट्रेेनिंग दी है। फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार सभी विमानों की डिलीवरी होने तक पायलटों और सहायक स्टाफ को वहां प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ये हैं राफेल लड़ाकू विमानों की विशेषताएं
राफेल का रडार F-16 विमानों के मुकाबले बेहद मजबूत है और 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट सेट कर सकता है। इसके साथ ही खतरनाक और आधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल 300 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को निशाना बना सकता है। राफेल में लो लैंड जैमर, 10 घंटे तक की डाटा रिकॉर्डिंग और इजरायली हेलमेट वाली डिस्प्ले की सुविधा भी है। राफेल कई खूबियों वाले रडार वॉर्निंग रिसीवर, इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से भी लैस है।