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    अमेरिका: पेगासस को लेकर NSO ग्रुप की मुश्किलों में इजाफा, ऐपल ने दायर किया मुकदमा
    ऐपल ने NSO ग्रुप पर मुकदमा दायर किया

    अमेरिका: पेगासस को लेकर NSO ग्रुप की मुश्किलों में इजाफा, ऐपल ने दायर किया मुकदमा

    लेखन प्रमोद कुमार
    Nov 24, 2021
    03:09 pm

    क्या है खबर?

    दिग्गज टेक कंपनी ऐपल ने इजरायली कंपनी NSO ग्रुप पर अपने यूजर्स के डिवाइस को हैक करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है।

    मंगलवार को अमेरिकी अदालत में दायर मुकदमे में ऐपल ने कहा है कि इजरायली कंपनी ने साइबर सर्विलांस टेक्नोलॉजी के जरिये मानवाधिकारों का हनन किया है।

    बता दें कि NSO ग्रुप पिछले काफी समय से विवादों में घिरी हुई है और अमेरिका भी इस पर पाबंदी लगा चुका है।

    पृष्ठभूमि

    विवादों में क्यों है NSO ग्रुप?

    इजरायली कंपनी NSO ग्रुप पेगासस स्पाईवेयर बनाती है और उसका कहना है कि वह केवल सरकारों और अधिकृत एजेंसियों को ही अपना स्पाईवेयर बेचती है।

    हालिया महीनो में पेगासस के डाटाबेस से दुनियाभर के 50,000 ऐसे नंबर मिले थे, जिन पर जासूसी या जासूसी की कोशिश की गई। इस डाटाबेस में करीब 1,000 नंबर भारत के लोगों से जुड़े हुए थे।

    डाटाबेस लीक होने के बाद से ही पेगासस और NSO ग्रुप विवादों से घिरे हुए हैं।

    मुकदमा

    ऐपल ने शिकायत में क्या कहा है?

    ऐपल में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के वरिष्ठ उप प्रमुख क्रेग फेडरिगी ने बयान जारी कर कहा कि NSO ग्रुप जैसी सरकार समर्थित कंपनियां बिना जवाबदेही के सर्विलांस टेक्नोलॉजी पर अरबों रुपये खर्च करती हैं और इसमें बदलाव की जरूरत है।

    अमेरिकी कंपनी ने अपनी शिकायत में कहा गया है कि NSO ग्रुप की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों ने उसके उत्पादों और ग्राहकों को शोषित किया है और कंपनी के व्यापार और छवि को नुकसान पहुंचाया है।

    मांग

    ऐपल ने क्या मांग की है?

    ऐपल ने मुकदमे में अज्ञात आर्थिक मुआवजे, NSO को ऐपल सर्वर और डिवाइस का इस्तेमाल करने से आजीवन प्रतिबंधित करने और अब तक जुटाया गया सारा डाटा डिलीट करने पर बाध्य करने की मांग की है।

    इजरायली कंपनी का तर्क था कि उसके स्पाईवेयर से कोई अमेरिकी यूजर प्रभावित नहीं हुआ था, लेकिन ऐपल ने इसे झूठ करार दिया है।

    ऐपल ने कहा कि एक अमेरिकी नागरिक समेत छह फिलिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मोबाइल में पेगासस स्पाईवेयर मिला था।

    प्रतिक्रिया

    NSO ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी है?

    ऐपल के मुकदमे पर प्रतिक्रिया देते हुए NSO ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "कंपनी सच की वकालत करती रहेगी। बच्चों पर बुरी नजर रखने वाले और आतंकवादी टेक्नोलॉजिकल सेफ-हेवन्स में आराम से ऑपरेट करते रहते हैं और हम सरकारों को उनसे लड़ने के लिए कानूनी हथियार मुहैया कराते हैं।"

    कंपनी ने कहा कि उसके उत्पाद अपराधियों पर नजर रखने के लिए बनाए गए हैं और इसका इस्तेमाल कर रही सरकारों ने इसके दुरुपयोग के आरोपों से इनकार किया है।

    जानकारी

    व्हाट्सऐप को भी मिल चुकी है मुकदमे की मंजूरी

    एक अमेरिकी अदालत ने व्हाट्सऐप को NSO ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर करने की अनुमति दी थी। व्हाट्सऐप ने इजरायली कंपनी पर 1,400 मोबाइल डिवाइस की अवैध एक्सेस लेने के लिए कैलिफॉर्निया स्थित सर्वर को टारगेट करने का आरोप लगाया है।

    जानकारी

    NSO ग्रुप पर पाबंदी लगा चुका है अमेरिका

    बाइडन प्रशासन ने इसी महीने की शुरुआत में NSO ग्रुप पर प्रतिबंध लगा दिया था।

    अमेरिकी सरकार की तरफ से कहा गया कि NSO ग्रुप और एक दूसरी इजरायली कंपनी कैंदिरू को ब्लैकलिस्ट कंपनियों की सूची में शामिल किया गया है। सबूत मिले हैं कि इन कंपनियों ने ऐसे स्पाईवेयर विकसित कर सरकारों को बेचे थे, जिनसे अधिकारियों, पत्रकारों, कारोबारियों, कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों की जासूसी की गई।

    अमेरिका अब इन कंपनियों के साथ कोई भी बिजनेस डील नहीं करेगा।

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