
कैसे चीन के 'ब्रिज मैन' ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ भड़काई विरोध की आग?
क्या है खबर?
चीन में सरकार के खिलाफ विरोध करना 'लोहे के चने चबाने' के बराबर है।
इसके बाद भी पिछले सप्ताह एक शख्स ने बीजिंग के हैडियन जिले में एक ब्रिज पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ बैनर लगाने और उन्हें सत्ता से बेदखल करने की मांग की।
उसके बाद यह विरोध बढ़कर विदेशों तक पहुंच गया। लोगों ने उस शख्स को 'ब्रिज मैन' नाम दिया है।
आइए जानते हैं कौन है 'ब्रिज मैन' और उसने विरोध क्यों किया है।
पृष्ठभूमि
'ब्रिज मैन' ने सितोंग ब्रिज पर लगाए थे विरोध से जुड़े बैनर
'ब्रिज मैन' ने 12 अक्टूबर को हैडियन जिले में सितोंग ब्रिज पर सरकार की शून्य-कोविड नीति को खत्म करने और शी जिनपिंग की सत्ता को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए दो बड़े बैनर लगाए थे।
उस दौरान उसने निर्माण मजदूर का हेलमेट पहनकर लाउडस्पीकर पर सरकार विरोध नारे लगाए और टायर जलाकर विरोध भी जताया।
हालांकि, कुछ देर बाद ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इस घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
बैनर
'ब्रिज मैन' ने बैनर में क्या लिखा था?
'ब्रिज मैन' ने पहले बैनर में लिखा, 'कोविड टेस्ट ना कराएं, भोजन पर बात हो। लॉकडाउन हटाया जाए, आजादी के लिए कदम बढ़ाएं। झूठ न बोलें, सम्मान की बात हो। सांस्कृतिक क्रांति को ना कहें, बदलाव की बात हो। ग्रेट लीडर को हटाएं और वोटिंग कराई जाए। गुलाम नहीं, नागरिक बनें।'
दूसरे बैनर में लिखा था 'विरोध प्रदर्शन करें, तानाशाह और राष्ट्रीय गद्दार शी जिनपिंग को पद से हटाएं। हम बदलाव चाहते हैं और हमें वोट देने का अधिकार मिले।'
कार्रवाई
चीन सरकार ने क्या की कार्रवाई?
सरकार की आलोचना के बैनर लगाए जाने के बाद चीनी पुलिस ने तत्काल ऐसी खबरों को खारिज कर दिया और इसे वहां की खबरों की सुर्खियां भी नहीं बनने दिया।
इसके अलावा ब्रिज पर लगे बैनरों को हटाकर स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया। इसके साथ ही घटना से जुड़ी तमाम फोटो और वीडियोज को भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया।
हालांकि, तब तक ये फोटो और वीडियो चीन सहित दुनिया के अन्य देशों में पहुंच चुकी थी।
जानकारी
सरकार ने कई हैशटैग पर लगाई रोक
सरकार ने 'बीजिंग', 'सिटोंग ब्रिज' और 'हैडियन' सहित कुछ हैशटैग पर रोक लगा दी और वीबो पर विरोध के बारे में सर्च को प्रतिबंधित कर दिया। इसके अलावा सोशल मीडिया 'साहस', 'बीजिंग बैनर', 'हीरो' और 'योद्धा' जैसे शब्दों पर भी रोक लगा दी।
सुरक्षा
शहर के सभी ब्रिजों पर तैनात किए पुलिसकर्मी
पुलिस ने हैडियन जिले में सुरक्षा बढ़ा दी है और सभी पुलों पर पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। इसके अलावा अब शहर और पुलों पर किसी भी तरह के पोस्टर और बैनर लगाने पर भी रोक लगा दी गई है।
इसी तरह घटना से जुड़ी तस्वीरे और वीडियो शेयर करने के मामले में सैकड़ों सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट ब्लॉक कर दिए गए हैं।
इससे लोगों में गुस्सा है और वह अकाउंट्स फिर से चालू करने की मांग कर रहे हैं।
तारीफ
चीन के लोग 'ब्रिज मैन' को बता रहे हैं हीरो
इस कदम के बाद चीनी लोग सोशल मीडिया पर 'ब्रिज मैन' को बधाई देने के साथ उसकी सुरक्षा की कामना कर रहे हैं।
एक व्यक्ति ने लिखा वीचैट पर लिखा, 'आप एक हीरो हैं और आपके लिए मेरा काफी सम्मान है।'
एक अन्य यूजर ने लिखा, 'लोगों के हीरो को सलाम! आशा है कि आप सुरक्षित रूप से वापस आएंगे!'
इसी तरह कई लोगों ने उसकी तुलना 1989 में हुए विरोध के दौरान सामने आए 'टैंक मैन' से की है।
जिक्र
तियानमेन स्क्वायर विरोध प्रदर्शन का भी हुआ जिक्र
'ब्रिज मैन' की सराहना करने वालों ने उनके विरोध की तुलना 1989 में हुए तियानमेन स्क्वायर विरोध प्रदर्शन से भी की है।
उस दौरान हजारों छात्र सरकार के खिलाफ रैली करने के लिए बीजिंग की सड़कों पर उतरे थे। उस दौरान सुरक्षा बलों ने विरोध को दबाने के लिए टैंकों का सहारा लिया था। उसमें कई छात्रों की मौत हो गई थी।
उनके एक छात्र को टैंकों के आगे खड़ा होने को लेकर 'टैंक मैन' की उपाधि दी गई थी।
विरोध
चीन में सरकार के खिलाफ तेज हुआ विरोध
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोकतंत्र समर्थन इंस्टाग्राम अकाउंट चलाने वाले VoiceofCN ने कहा कि जिनपिंग को हटाने को लेकर आठ शहरों में विरोध के सुर फूट रहे हैं। इनमें शेन्ज़ेन, शंघाई, बीजिंग और ग्वांगझू के साथ-साथ हांगकांग भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि कई जगहों पर जिनपिंग को हटाने संबंधी नारे लगाए जा रहे हैं। हालांकि, ये नारे ज्यादातर बाथरूम में लगाए जा रहे हैं और स्कूलों में नोटिस बोर्ड पर चिपकाए गए हैं।
विदेश
अन्य देशों में भी फैली विरोध की आग
BBC के अनुसार, बीजिंग ब्रिज विरोध के मैसेज अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया सहित कई यूनिवर्सिटी परिसरों में पहुंच गए हैं।
अमेरिका के कोल्बी कॉलेज में कथित तौर पर 'ब्रिज मैन' की सराहना की गई है और कहा गया है कि वो चीन के नागरिक होने के नाते इस संदेश को फैलाना चाहते हैं, क्योंकि वहां मैसेज भेजने पर कोई पाबंदी नहीं है।'
इसी तरह जिनपिंग के विरोध में "नॉट माई प्रेसिडेंट" और "अलविदा जिनपिंग" वाले पोस्टर भी लगाए गए हैं।
कोविड नीति
क्या है चीन की शून्य-कोविड नीति?
चीन ने कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक वेरिएंड 'डेल्टा' के सामने आने के बाद शून्य-कोविड नीति को लागू किया था।
इसमें देश के विभिन्न हिस्सों में सख्त लॉकडाउन, सामूहिक परीक्षण और यात्रा प्रतिबंध जैसे कई उपाय शामिल हैं।
कई लोगों को सप्ताह में दो बार परीक्षण करवाना पड़ता है और जब भी वे किसी भी इमारत में प्रवेश करते हैं, तो जांच करवानी पड़ती है। इसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।