Page Loader
सऊदी अरब में सोशल मीडिया पोस्ट के लिए महिला को 45 साल की सजा
सऊदी कोर्ट ने महिला को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए 45 साल के लिए जेल भेजा

सऊदी अरब में सोशल मीडिया पोस्ट के लिए महिला को 45 साल की सजा

लेखन गौसिया
Sep 01, 2022
02:06 pm

क्या है खबर?

सऊदी अरब की एक कोर्ट ने नूरा बिंत सईद अल-कहतानी नाम की महिला को 45 साल जेल की सजा सुनाई है। बुधवार को उपलब्ध कराए गए कोर्ट के दस्तावेज से यह जानकारी मिली। महिला को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सामाजिक ढांचे को बिगाड़ने की कोशिश करने, सरकारी आदेश का उल्लंघन करने और देश को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया है। हालांकि उन्होंने अपनी पोस्ट पर क्या लिखा था, ये जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।

घटना

पिछले साल जुलाई में हुई थी महिला की गिरफ्तारी

वाशिंगटन स्थित संस्था डेमोक्रेसी फॉर द अरब वर्ल्ड नाओ के अनुसार, कहतानी को 4 जुलाई, 2021 को हिरासत में लिया गया था। आरोप पत्र में कहा गया है कि यह मामला सोशल मीडिया के इस्तेमाल से जुड़ा है। उन्होंने अपने पोस्ट में सऊदी अरब के नेताओं की आलोचना की थी। हालांकि, महिला के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। बताया गया है कि वह सऊदी अरब के सबसे बड़े कबीलों में से एक से संबंध रखती है।

कार्रवाई

सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने का है आरोप

BBC के मुताबिक, कोर्ट ने महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए चार साल की सजा सुनाई। आरोप पत्र में महिला की सोशल मीडिया गतिविधियों का हवाला देते हुए कहा गया कि उन्हें सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने और सामाजिक ताने-बाने को अस्थिर करने का दोषी पाया गया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्होंने अपने पोस्ट में क्या लिखा था और मामले की सुनवाई कहां हुई थी।

जानकारी

आतंकवाद-रोधी और साइबर अपराध विरोधी जैसे कानूनों के तहत हुई सजा

महिला के खिलाफ लगे आरोपों का दायरा काफी बड़ा है। उन्हें आतंकवाद-रोधी और साइबर अपराध विरोधी कानूनों के तहत सजा दी गई है। ये ऐसे कानून हैं, जिनके तहत दूर-दूर तक सरकार की आलोचना से जुड़े पोस्ट को अपराध माना जाता है।

अन्य मामला

अगस्त में एक अन्य महिला को सुनाई गई थी 34 साल की सजा

सऊदी अरब में अगस्त महीने में इस तरह का ये दूसरा मामला है। इससे पहले 9 अगस्त 2022 को एक अन्य महिला को ट्विटर पर उनकी गतिविधियों के लिए 34 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। महिला का नाम सलमा अल-शेहाब है। वो लीड्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की छात्रा थीं। महिला को भी सरकारी आदेश के उल्लंघन सहित कई अन्य आरोपों में दोषी पाया गया था। इस सजा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई थी।