सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट के लिए फ्रांस और ब्रिटेन ने भारत का समर्थन किया
फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को स्थायी तौर पर शामिल किए जाने का पुरजोर समर्थन किया है। अमेरिका के न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत के साथ ब्राजील, जर्मनी, जापान और अफ्रीका के 2 देशों की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया है। मैक्रों ने कहा कि सुरक्षा परिषद को अधिक कुशल बनाने की जरूरत है, जिसके लिए अधिक प्रतिनिधि चाहिए।
मैक्रों ने क्या कहा?
महासभा में बोलते हुए मैक्रों ने कहा, "हमें संयुक्त राष्ट्र को और अधिक कुशल बनाना चाहिए। हमें इसके और अधिक प्रतिनिधि बनाने की आवश्यकता है और इसीलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है। जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो ऐसे देश भी होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए तय करेगा।" बता दें, क्वाड देशों की बैठक में भी UNSC में तत्काल सुधार की मांग की गई है।
स्टारमर ने क्या कहा?
स्टार्मर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उनहत्तरवें सत्र की आमसभा को गुरुवार को संबोधित करते हुए कहा, "हम परिषद में स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व, ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी को स्थायी सदस्य के रूप में देखना चाहते हैं और निर्वाचित सदस्यों के लिए भी अधिक सीटें चाहते हैं।" स्टारमर ने कहा, "जब तक सुरक्षा परिषद अवरुद्ध रहेगी, प्रत्येक पक्ष के हितों के अनुसार पारस्परिक रूप से, हमें आगे बढ़ने में कठिनाई होगी। इसलिए संयुक्त राष्ट्रों को और अधिक प्रभावी बनाना जाए।"
बाइडन भी कर चुके हैं समर्थन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की वकालत कर चुके हैं। उन्होंने शनिवार को डेलावेयर के विलमिंगटन स्थित अपने आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान कहा था कि अमेरिका भारत की महत्वपूर्ण आवाज को प्रतिबिंबित करने के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है, जिसमें संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नई दिल्ली की स्थायी सदस्यता भी शामिल है।
क्या है UNSC की स्थायी सदस्यता?
UNSC संयुक्त राष्ट्र की सबसे अहम इकाई है, जो वैश्विक सुरक्षा बनाए रखने के लिए अहम मुद्दों पर फैसला लेती है। इसका गठन 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ था। वर्तमान में UNSC के 5 स्थायी सदस्य हैं, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन शामिल हैं। स्थायी सदस्यों के पास कई विशेषाधिकार होते हैं, जिनमें वीटो पॉवर भी शामिल है। इसके जरिए स्थायी सदस्य UNSC के किसी भी फैसले को 'ना' कहकर उसे रोक सकते हैं।
भारत ठोक चुका है अपनी दावेदारी
भारत ने हमेशा से सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने को लेकर तर्क दिया है। नई दिल्ली ने कहा है कि 1945 में स्थापित 15 देशों की परिषद 21वीं सदी के उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। भारत 2021-22 में अंतिम बार अस्थायी बना था।