फ्रांस से लौटे विमान के यात्रियों से इकट्ठा की जाएगी जानकारी, वकील ने किया बड़ा खुलासा
फ्रांस में मानव तस्करी के शक की वजह से 4 दिन रोककर रखा गया विमान 26 दिसंबर सुबह मुंबई पहुंच चुका है। इसमें 276 यात्रियों की 'देश वापसी' हुई है। अब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच-पड़ताल में जुटी है। विमान में सवार कई लोग गुजरात के थे, इसलिए गुजरात पुलिस ने कई टीम गठित की है। दूसरी ओर, एयरलाइंस कंपनी की वकील ने भी कई खुलासे किए हैं।
गुजरात पुलिस की 4 टीम करेगी मामले की जांच
गुजरात पुलिस ने एजेंटों के माध्यम से संदिग्ध अवैध आव्रजन नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए 4 टीम गठित की हैं। ये टीमें विमान के यात्रियों से जानकारी इकट्ठा करेगी। अपराध जांच विभाग (CID) के पुलिस अधीक्षक संजय खरात ने कहा, "CID उन एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है, जिन्होंने इन यात्रियों को अमेरिका और अन्य देशों में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने में मदद करने का वादा किया था।"
पुलिस को एजेंटों के बारे में मिली 'कुछ जानकारी'
खरात ने कहा, "CBI को घटना में शामिल एजेंटों के संबंध में कुछ जानकारी मिली है। गुजरात पुलिस इस बात की जांच करेगी कि कितने लोगों को इस तरीके से विदेश भेजा गया है और कौन इसी तरह से यात्रा करना चाहते हैं। यात्रियों के गुजरात पहुंचने पर पुलिस पूछताछ कर इसमें शामिल एजेंटों और एजेंसियों का पता लगाएगी, ताकि अमेरिका और अन्य देशों में प्रवास के लिए प्रदान किए गए दस्तावेज की सत्यता की पुष्टी हो सके।"
एयरलाइंस की वकील बोलीं- यात्री लौटना ही नहीं चाहते थे
समाचार एजेंसी AP के अनुसार, लीजेंड एयरलाइंस की वकील लिलियाना बाकायोको ने कहा, "कुछ यात्री भारत नहीं लौटना चाहते थे क्योंकि ये लोग पर्यटकों के रूप में निकारागुआ जाने के लिए भुगतान कर चुके थे। कुछ यात्रियों के पास वापसी के टिकट और होटल बुक करने के प्रमाण भी थे। निकारागुआ और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से मदद की अपील के बावजूद निराशा हाथ लगी।" एयरलाइन के संचालकों ने 'मानव तस्करी' में शामिल होने से इनकार किया है।
विमान में सवार 276 यात्री लौटे
27 दिसंबर को विमान में सवार 303 में से 276 यात्री वापस भारत लौटे हैं। 2 नाबालिग समेत 27 ने फ्रांस में ही शरण मांगी है, जिसके बाद इन लोगों को पेरिस के चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे के एक विशेष क्षेत्र में भेज दिया गया है। 2 यात्रियों को सहायता प्राप्त गवाह का दर्जा दिया गया है। भारत लौटने वाले 276 लोगों में से लगभग दो-तिहाई पंजाब, 25 प्रतिशत गुजरात और बाकी अलग-अलग राज्यों से हैं।