कोरोना वायरस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा- इस मुश्किल समय में भारत के साथ
फ्रांस ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। देश के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट कर कहा है कि फ्रांस इस मुश्किल समय में भारत और उसके नागरिकों के साथ खड़ा है और मदद प्रदान करने के लिए तैयार है। मैक्रों पहले ऐसे वैश्विक नेता है जिन्होंने इस मुश्किल समय में भारत को सार्वजनिक तौर पर मदद का भरोसा दिया है।
इस संघर्ष में फ्रांस भारत के साथ- मैक्रों
आज सुबह लगभग पौने 10 बजे ट्वीट करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने लिखा, 'मैं कोविड-19 के मामलों में उछाल का सामना कर रहे भारतीय लोगों को एकजुटता का संदेश भेजना चाहता हूं। इस संघर्ष में, जो किसी को नहीं छोड़ता, फ्रांस आपके साथ है। हम अपना समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार हैं।' बता दें कि फ्रांस भारत के सबसे करीबी मित्रों में से एक है और दोनों के रक्षा और आर्थिक संबंध बेहद मजबूत हैं।
भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण हालात खराब
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे भारत में स्थिति भयावह है। बीते दिन देश में 3,32,730 नए मामले सामने आए और 2,263 मरीजों की मौत हुई। यह देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले और मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,62,63,695 हो गई है। इनमें से 1,86,920 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या 24,28,616 हो गई है।
महाराष्ट्र और दिल्ली में स्थिति सबसे अधिक खराब
राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र और दिल्ली की स्थिति सबसे अधिक खराब है। महाराष्ट्र में अभी रोजाना 60,000-70,000 के बीच नए मामले सामने आ रहे हैं और सक्रिय मामलों की संख्या सात लाख से अधिक हो गई है। वहीं दिल्ली में रोजाना लगभग 25,000 नए मामले सामने आ रहे हैं और सक्रिय मामलों की संख्या 91,618 हो गी है। अब तक महाराष्ट्र में 62,479 लोग और दिल्ली में 13,193 लोग कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।
देशभर में ऑक्सीजन का संकट, कई राज्यों में कमी
मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि के कारण देश में ऑक्सीजन का संकट भी पैदा हो गया है और कई राज्य ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा चार ऐसे राज्य हैं जहां ऑक्सीजन की सप्लाई मांग से कम है। दिल्ली में ऑक्सीजन की मांग सप्लाई से 220 मीट्रिक टन अधिक है, वहीं उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में यह आंकड़ा क्रमश: 47, 25 और 18 मीट्रिक टन है।