
#NewsBytesExplainer: डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की संभावना क्यों जताई जा रही?
क्या है खबर?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में 2 बार महाभियोग का सामना किया। उन पर 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में धांधली सहित कई आरोप भी लगे हैं।
हालांकि, इन सबके बावजूद विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बन सकते हैं।
आइए जानते हैं विशेषज्ञों ने इस साल के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत को लेकर क्या कहा है।
रेस
सबसे पहले जानें अभी ट्रंप कहां खड़े हैं
फिलहाल सभी प्रमुख सर्वेक्षणों में ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार बने हुए हैं। पिछले सप्ताह आयोवा कॉकस में हुए मतदान में ट्रंप बहुमत से जीते थे, जबकि निक्की हेली दूसरे स्थान पर रही थीं।
इस चुनाव के बाद फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस और विवेक रामास्वामी उम्मीदवारी की रेस से पीछे हट गए, जिसके बाद अब रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लिए भारतीय मूल की निक्की हेली और ट्रंप के बीच सीधी टक्कर है।
#1
बाइडन सरकार से खुश नहीं मतदाता
बाइडन सरकार का तर्क है कि ट्रंप के कार्यालय छोड़ने के समय बेरोजगारी 6.3 प्रतिशत थी, जो घटकर 3.7 प्रतिशत के ऐतिहासिक निचले स्तर पर है और मुद्रास्फीति भी 9 प्रतिशत से घटकर 3.4 प्रतिशत हो गई।
हालांकि, लोगों का मानना है कि किराने का सामान, कार, घर, बच्चे और बुजुर्गों की देखभाल जैसी आवश्यक वस्तुओं की लागत बढ़ी है।
कई सर्वे में सामने आया है कि देश के मतदाता ट्रंप को अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर प्रबंधक मानते हैं।
#2
श्वेत अमेरिकियों के डर और चिंताओं की बात करते हैं ट्रंप
मतदाताओं का मानना है कि ट्रंप उन चिंताओं की बात करते हैं जो भले ही वास्तविक न हों, लेकिन श्वेत अमेरिकियों को चिंतित करती हैं। इनमें अमेरिकी शहरों में बढ़ती विविधता शामिल है।
श्वेत अमेरिकियों की चिंता है कि वे देश में अपनी वास्तविक पहचान को खो रहे हैं। कई सर्वे से पता चला है कि मतदाता अपराध और अवैध प्रवासियों में वृद्धि से चिंतित हैं।
उनका मानना है कि ट्रंप इन चिंताओं और डर का समाधान कर सकते हैं।
#3
ट्रंप पर लगे आरोपों का मतदाताओं पर प्रभाव नहीं
रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता, डेमोक्रेटिक पार्टी और मीडिया आदि ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य मानते हैं, लेकिन जनता इससे सहमत नहीं है।
उनके समर्थकों का मानना है कि ट्रंप राजनीतिक साजिशों के शिकार हैं।
पिछले साल की शुरुआत में रॉयटर्स/इप्सोस के सर्वेक्षण में शामिल कई रिपब्लिकन ने कहा कि अपराधी ठहराए जाने के बाद भी उन्हें ट्रंप को वोट देने में समस्या नहीं।
ट्रंप अपने कार्यकाल में हुए बदलावों को दिखा सकते हैं।
#4
बाइडन को बदलाव का श्रेय कम, दोष ज्यादा मिले
जो बाइडन की सरकार नागरिकों को यह समझाने में असमर्थ रही कि देश मे रोजगार बढ़ा और बुनियादी ढांचे, स्वच्छ ऊर्जा और चिप निर्माण में भारी सरकारी निवेश से बदलाव आया। इसका लाभ ट्रंप उठा सकते हैं।
वर्तमान में अमेरिका विदेशी युद्धों से जूझ रहा है, जिस पर देश में विभाजित राय है।
ट्रंप ने हमेशा 'अमेरिका पहले' की नीति रखी, जबकि बाइडन ने अधिक पारंपरिक, हस्तक्षेपवादी अमेरिकी विदेश नीति बनाई रखी और ये मतदाताओं को रास नहीं आ रहा।
कारण
ट्रंप हारे तो उसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
हालांकि, यह भी अटकलें हैं कि यदि ट्रंप अपनी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बने तो डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में मतदाता अधिक संख्या में वोट दे सकते हैं।
दरअसल, ट्रंप के भड़कीले भाषण और राजनीतिक प्रतिशोध लेने की धमकियां रिपब्लिकन और स्वतंत्र मतदाताओं का मूड बदल सकते हैं।
इसके अलावा डेमोक्रेट्स ने जिस तरह गर्भपात अधिकारों को महत्व दिया और इस पर प्रतिबंधों के रिपब्लिकन समर्थन को उजागर किया, उससे ट्रंप को चुनावों में नुकसान भी हो सकता है।
कानूनी मुश्किलें
न्यूजबाइट्स प्लस
कानूनी मुश्किलों का सामना कर रहे ट्रंप के लिए 2024 का चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा। कोलोराडो और मेन राज्य की कोर्ट ने उन्हें राज्य में चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया है।
ये फैसले 6 जनवरी, 2021 को अमेरिकी संसद पर हुए हमले में उनकी भूमिका को देखते हुए दिए गए हैं।
हालांकि, इन फैसलों के खिलाफ ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।