निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण पर अमेरिका को कोर्ट से झटका, सबूत पेश करने को कहा
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण मामले में अमेरिका को झटका लगा है। न्यूयॉर्क की एक संघीय कोर्ट ने अमेरिकी अधिकारियों को निखिल पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने को कहा है। न्यूज 18 ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। मामला कोर्ट में होने के कारण भारत सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने 3 दिनों के भीतर सबूत पेश करने को कहा
रिपोर्ट के अनुसार, 8 जनवरी को न्यूयॉर्क स्थित एक संघीय जिला कोर्ट ने चेक गणराज्य से निखिल के प्रत्यर्पण की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान न्यायाधीश ने अमेरिकी अभियोजकों को निखिल पर लगे "हत्या की सुपारी देने" के आरोप का समर्थन करने वाले दस्तावेजी सबूत पेश करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार इस आदेश के 3 दिन के भीतर निखिल के खिलाफ सबूत पेश करे।
निखिल पर क्या आरोप हैं?
अमेरिका ने निखिल गुप्ता पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के निर्देश पर पन्नू की हत्या की सुपारी दी थी। इस काम के बदले उसे एक लाख डॉलर दिए जाने थे। अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, आरोप साबित होने पर उन्हें 10 साल की सजा हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, संघीय जिला कोर्ट के न्यायाधीश अमेरिकी सजा दिशा-निर्देशों और अन्य वैधानिक कारकों पर विचार करने के बाद अपना फैसला सुनाएंगे।
अमेरिका के अनुरोध पर चेक में गिरफ्तार किए गए निखिल
52 वर्षीय निखिल एक भारतीय नागरिक हैं। अमेरिका के कहने पर पिछले साल 30 जून को उन्हें चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच एक द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि है। इसी कारण अमेरिका के अनुरोध पर गुप्ता की गिरफ्तारी हुई। अमेरिकी न्याय विभाग ने गुप्ता पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी में शामिल होने के भी आरोप लगाए हैं। अब अमेरिका चेक से निखिल के प्रत्यर्पण की तैयारी में है।
निखिल के परिजनों ने गिरफ्तारी को बताया अवैध
निखिल के परिजनों का दावा है कि उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और उन्हें चेक के अधिकारियों की बजाय अमेरिकी एजेंट्स ने गिरफ्तार किया। परिजनों ने निखिल की जान पर खतरा बताया और भारत सरकार से उनके प्रत्यर्पण की अमेरिका की याचिका में दखल देने को भी कहा था। निखिल ने मामले को अपने परिजनों के जरिए भारत के सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया था, लेकिन कोर्ट ने हस्तक्षेप से मना कर दिया।
क्या है पन्नू की हत्या की साजिश का पूरा मामला?
पन्नू खालिस्तानी संगठन संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख है, जिसके पास कनाडा और अमेरिका की दोहरी नागरिकता है और भारत को धमकी देता रहता है। भारत ने उसे आतंकी घोषित किया हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स और अमेरिका सरकार के अनुसार, एक भारतीय अधिकारी के इशारे पर पन्नू को अमेरिका में मारने की साजिश रची गई थी, लेकिन हत्या की सुपारी जिसे दी गई थी, वो अमेरिकी एजेंट ही था। अमेरिका ने मामले में भारत को चेतावनी दी थी।