क्या अभी तक के अनुमानों से काफी पहले ही अस्तित्व में आ गया था ओमिक्रॉन वेरिएंट?
कोरोना वायरस के 32 म्यूटेंट वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट ने दुनियाभर में खलबली मचा दी है। विशेषज्ञ इस वेरिएंट के नवंबर की शुरुआत में सामने आने की बात कह रहे हैं, लेकिन सबसे पहले इसकी चपेट में आए इजरायल के चिकित्सक की माने तो यह काफी पहले से ही अस्तित्व में आ गया था। उनका कहना है कि यह वेरिएंट यूनाइटेड किंगडम (UK) में पहले से मौजूद था और वह वहीं इसकी चपेट में आए थे। यहां जानते हैं विस्तृत जानकारी।
क्यों खतरनाक माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत 24 देशों में मिल चुके ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं।
कब सामने आया था ओमिक्रॉन का पहला मामला?
ओमिक्रॉन के संक्रमण का पहला मामला इजराइल के तल अवीवी के शेबा मेडिकल सेंटर में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एलद माओर में सामने आया था। 27 नवंबर को जांच में उनके इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। विशेषज्ञों की माने तो लक्षण दिखने से 14 दिन पहले उसकी उत्पत्ती मानी जा सकती है। ऐसे में इसके 8 नवंबर के आसपास अस्तित्व में आने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि, डॉ माओर ने इसे काफी पहले अस्तित्व में आना बताया है।
डॉ माओर ने लगाया लंदन में ओमिक्रॉन की चपेट में आने का अनुमान
इंडिया टुडे के अनुसार, डॉ माओर ने कहा वह 19 नवंबर को चिकित्सा सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लंदन गए थे। उस सम्मेलन में 1,200 से अधिक चिकित्सकों ने हिस्सा लिया था। वह उत्तरी लंदन के इस्लिंगटन की होटल में चार रात रुके थे। उन्होंने कहा कि 23 नवंबर को इजरायल लौटने के कुछ दिन बाद ही उनमें लक्षणों दिखने लग गए थे। ऐसे में उनका अनुमान कि वह लंदन में ही इस वेरिएंट की चपेट में आए थे।
डॉ माओर के बयान का क्या है मतलब?
डॉ माओर के इस बयान का मतलब है कि यह वेरिएंट काफी पहले से ही UK में मौजूद था। ऐसे में यह दावा वेरिएंट के सबसे पहले नवंबर की शुरुआत में बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका सामने आने के अनुमान को गलत साबित करता है। बता दें कि वेरिएंट की चपेट में आए डॉ मौर में अब तक बहुत ही हल्के लक्षण नजर आए हैं। इसमें हल्का बुखार, मांसपेशियों में दर्द और गले में खराश से लक्षण प्रमुख है।
अन्य चिकित्सकों के भी संक्रमित होने का खतरा- डॉ माओर
डॉ माओर ने कहा कि वह निश्चित तो नहीं है कि वह कैसे और कब संक्रमित हुए, लेकिन उन्हें संदेह है कि अन्य चिकित्सक भी इस वेरिएंट की चपेट में आ सकते हैं। उनका एक सहयोगी भी इस वायरस की चपेट में आ चुका है।
रिपोर्टों में दक्षिण अफ्रीका से पहले माना जा रहा है वेरिएंट का प्रसार
दक्षिण अफ्रीका में पहला मामला सामने आने के बाद कई रिपोर्टों में कहा गया है कि अफ्रीका में आधिकारिक तौर पर पहला मामला सामने आने के बाद से पहले ही नया वेरिएंट प्रसारित हो रहा था। WHO ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार 24 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी को ओमाइक्रोन वेरिएंट की सूचना दी। हालांकि, नीदरलैंड के RIVM स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, 19 और 23 नवंबर के नमूनों में ओमाइक्रोन वेरिएंट पाया गया था।
कितना घातक है वेरिएंट?
WHO के अनुसार, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट अधिक संक्रामक है या नहीं। इसी तरह इसकी अन्य वेरिएंटों की तुलना में घातकता का भी कोई अंदाजा नहीं है। संगठन ने कहा है कि शुरूआती आंकड़ों में दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की बात सामने आई है, लेकिन ये संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि के कारण भी हो सकता है। ऐसे में देशों को ऐहतियाती कदम उठाने चाहिए।
सरकारों और लोगों को WHO ने दी ये सलाह
WHO ने सभी देशों से ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकने के लिए पहले से उठाए जा रहे कदमों पर ही ध्यान देने को कहा है, वहीं लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, फिट मास्क पहनने और भीड़ वाली जगहों से बचने आदि की सलाह दी गई है।
वेरिएंट की उत्पत्ति को लेकर बना हुआ है असमंजस
यह स्पष्ट नहीं है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट पहली बार कहां या कब उभरा या यह कितना संक्रामक हो सकता है, लेकिन बचने के लिए देशों ने दक्षिण अफ्रीका सहित प्रभावित देशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका ने देशों द्वारा उठाए गए इन कदमों की आलोचना की है। दक्षिण अफ्रीका मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एंजेलिक कोएत्जी ने तो इसके हल्के लक्षण होने के बाद भी इतना हल्ला होने पर चिंता जताई है।