
WHO की टीम को नहीं मिले दिसंबर, 2019 से पहले वुहान में कोरोना वायरस के सबूत
क्या है खबर?
दुनियाभर में तबाही मचा रहे नए कोरोना वायरस की उत्पत्ति के रहस्य को सुलझाने के लिए चीन गई विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम को वुहान में दिसंबर, 2019 से पहले कोरोना वायरस के प्रकोप के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
इसके अलावा टीम उस जानवर की पहचान करने में भी नाकाम रही, जिसके जरिए कोरोना वायरस इंसानों तक पहुंचा।
WHO टीम ने वुहान की लैब से वायरस लीक होने की संभावना से भी इनकार किया है।
पृष्ठभूमि
दिसंबर, 2019 में वुहान से फैला शुरू हुआ था कोरोना वायरस
आधिकारिक तौर पर पहली बार दिसंबर, 2019 में वुहान में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए थे और इसके बाद ये वायरस पूरी दुनिया में फैल गया।
आमतौर पर चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस के किसी अन्य जानवर के जरिए इंसानों में पहुंचने की आशंका जताई गई थी और इस कारण वुहान का सीफूड बाजार चर्चा में रहा था।
कोरोना के पहले ज्ञात मामले इसी बाजार से संबंधित थे।
आरोप
ट्रंप ने लगाए थे वुहान की लैब से वायरस लीक होने के आरोप
हालांकि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस थ्योरी को नकारते हुए वुहान स्थित चीन की एक एडवांस रिसर्च लैब से कोरोना वायरस लीक होने का दावा किया था।
उनके अलावा अन्य कई देशों ने भी मामले में चीन की भूमिका पर सवाल उठाए थे और कोरोना वायरस की उत्पत्ति के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए जांच की मांग की थी।
इसी मांग के बाद WHO ने अपनी एक टीम चीन भेजी जिसने आज अपनी रिपोर्ट साझा की।
जांच
WHO टीम को जांच में क्या मिला?
चीन गई WHO टीम के प्रमुख बेन एमबेरेक ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, "जांच में नई जानकारी सामने आई है, लेकिन इससे कोरोना वायरस महामारी की पूरी तस्वीर में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है।"
उन्होंने कहा कि टीम को वुहान या अन्य किसी जगह पर दिसंबर, 2019 से पहले कोरोना वायरस के बड़े प्रकोप के सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि दिसंबर, 2019 में कोरोना वायरस वुहान के सीफूड बाजार के बाहर भी फैल रहा था।
जानकारी
WHO टीम ने लैब से वायरस लीक होने के दावों को भी नकारा
WHO की टीम को ऐसे कोई सबूत भी नहीं मिले जो वुहान की लैब से कोरोना वायरस लीक होने की ट्रंप की थ्योरी को सही ठहराते हों। एमबेरेक ने कहा कि इस बात की बहुत कम संभावना है कि वायरस लैब से लीक हुआ था।
रिपोर्ट
कई महत्वपूर्ण जगहों का दौरा करने के बाद तैयार की गई रिपोर्ट
बता दें कि WHO की टीम 14 जनवरी को चीन पहुंची थी और दो हफ्ते क्वारंटाइन में रहने के बाद उसने अपनी जांच शुरू की। जांच के दौरान वह सीफूड मार्केट, पहले बड़े प्रकोप के केंद्र और विवादित लैब समेत कई महत्वपूर्ण जगहों पर गई।
WHO की यह जांच विवाद और राजनीति टकराव का कारण भी बनी और चीन ने एक बार तो WHO की टीम को देश में प्रवेश देने से भी इनकार कर दिया।