ओमिक्रॉन: दक्षिण अफ्रीका में एक दिन में दोगुने हुए मामले, 24 देशों में पहुंचा वेरिएंट
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और यहां एक दिन में ही नए मामले लगभग दोगुने हो गए। मंगलवार को देश में 4,373 नए मामले सामने आए थे, वहीं बुधवार को ये संख्या बढ़कर 8,561 हो गई। दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक मामलों में ऐसे उछाल का अनुमान पहले से ही लगा रहे थे और इस उछाल ने अन्य देशों के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है।
1 प्रतिशत से बढ़कर 16.5 प्रतिशत हुई पॉजिटिविटी रेट
ओमिक्रॉन वेरिएंट की सबसे पहले पहचान करने वाले दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट नवंबर की शुरूआत में एक प्रतिशत से बढ़कर बुधवार को 16.5 प्रतिशत हो गई है। देश में ओमिक्रॉन का पहला मामला 8 नवंबर को पकड़ में आया था और तब देश में रोजाना औसतन 200 मामले सामने आ रहे थे। हालांकि मध्य नवंबर से मामले तेजी से बढ़ने लगे। देश में नवंबर में जिन मामलों की जिनोम सीक्वेंसिंग की गई, उनमें 74 प्रतिशत ओमिक्रॉन के थे।
वैज्ञानिकों ने लगाया मामलों के तेजी से बढ़ते रहने का अनुमान
दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक पहले से ही मामलों में तेज वृद्धि का अनुमान लगा रहे थे और उन्होंने आगे भी मामले तेजी से बढ़ने की आशंका जताई है। देश में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है, हालांकि नए मामलों के अनुपात में ये बेहद कम है। इसका एक कारण ये है कि अभी तक ओमिक्रॉन ज्यादातर युवाओं में पाया गया है और इस कारण इसके गंभीर मामले कम आए हैं।
कितना संक्रामक है ओमिक्रॉन, जल्द आएंगे आंकड़े
दक्षिणी अफ्रीकी वैज्ञानिकों की शुरूआत जांच में ओमिक्रॉन के अधिक संक्रामक होने के संकेत मिले हैं, हालांकि अभी इस संबंध में कुछ भी ठोस नहीं कहा जा सकता। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की क्षेत्रीय वायरोलॉजिस्ट डॉ निक्सी गुमेडे-मोएलेट्सि ने कहा, "अभी हमारे पास बेहद सीमित डाटा है। अभी इस वायरस के कई चरित्रों के बारे में नहीं पता है जिनमें से संक्रामकता एक है। गंभीरता दूसरी चीज है।" आने वाले कुछ दिनों में ये आंकड़े आने की संभावना है।
गंभीर बीमारी और मौत से बचा सकती हैं मौजूदा वैक्सीनें- NICD
दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीजेज (NICD) ने कहा है कि ओमिक्रॉन की प्रोफाइल और शुरूआती डाटा से लगता है कि ये कुछ इम्युनिटी को चकमा देने में कामयाब हो सकता है, लेकिन मौजूदा वैक्सीनें गंभीर बीमारी और मौत से बचा सकती हैं।
24 देशों में सामने आए ओमिक्रॉन के मामले
बता दें कि ओमिक्रॉन वेरिएंट अभी तक कम से कम 24 देशों में पहुंच चुका है। इन देशों में बुधवार को अमेरिका भी शामिल हो गया जहां दक्षिण अफ्रीका से लौटे एक शख्स को ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया। देश इस वेरिएंट को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं और लगभग 56 देश अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर किसी न किसी तरह की पाबंदी लगा चुके हैं। भारत में अभी इसका कोई मामला सामने नहीं आया है।
क्यों खतरनाक माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
पहली बार दक्षिण अफ्रीकी देशों में फैले ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं