
चीन-भारत के संबंधों पर शी जिनपिंग बोले- आपसी उपलब्धियों के भागीदार बनना सही विकल्प
क्या है खबर?
चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों का आपसी उपलब्धियों का भागीदार बनना सही विकल्प है।
चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि जिनपिंग ने यह बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे बधाई संदेश में कही है।
उन्होंने लिखा कि भारत-चीन संबंधों को ड्रैगन-हाथी टैंगो के रूप लेना चाहिए, जो कि उनके प्रतीकात्मक जानवरों के बीच नृत्य है।
उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया है।
संबंध
जिनपिंग का विश्वास औरर विकास बढ़ाने पर जोर
उन्होंने कहा, "चीन-भारत संबंधों का विकास यह दर्शाता है कि चीन और भारत के लिए पारस्परिक उपलब्धियों में भागीदार बनना और 'ड्रैगन-हाथी टैंगो' को साकार करना सही विकल्प है, जो दोनों देशों के मौलिक हितों की पूर्ति करता है।"
उन्होंने कहा कि दोनों को संयुक्त रूप से बहुध्रुवीय विश्व और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अधिक लोकतंत्र को बढ़ावा देना और विश्व शांति-समृद्धि में योगदान देना चाहिए।
उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के आपसी विश्वास, लाभ, विकास और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व सुनिश्चितिता पर बल दिया।
बयान
जिनपिंग के इस बयान के क्या है मायने?
वर्ष 2020 में गलवान घाटी में हुई भारतीय और चीनी सैनिकों की खूनी झड़प से पहले दिसंबर 2019 में चीन-भारत के बीच बातचीत हुई थी।
गलवान घटना के बाद बातचीत बंद थी। इसके बाद अब कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जिनपिंग के बीच हुई बैठक के बाद बातचीत के रास्ते खुले।
तब से दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि कई उच्च स्तरीय वार्ता कर चुके हैं। इसके बाद जिनपिंग का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।