उत्तराखंड के पास LAC से 11 किलोमीटर दूर गांवों का निर्माण कर रहा चीन- रिपोर्ट
क्या है खबर?
अरुणाचल प्रदेश के बाद अब चीन उत्तराखंड से सटी सीमा पर निर्माण कार्य कर रहा है। उत्तराखंड के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से करीब 11 किलोमीटर दूर चीन गांवों का निर्माण कर रहा है। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, इन गावों में 250 घर हैं और इनका इस्तेमाल रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इससे पहले भी चीन LAC से सटे इलाकों में निर्माण करता रहा है।
400 गांव
चीन की पूर्वी सेक्टर में 400 गांव बसाने की योजना
खबर के मुताबिक, चीन पूर्वी सेक्टर में 400 गांव बसाने की योजना पर काम कर रहा है।
इससे पहले चीन उत्तराखंड से सटे LAC से करीब 35 किलोमीटर दूर 55-56 घरों के निर्माण में भी शामिल रहा है। ये घर सीधे चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की निगरानी में रहते हैं।
ये घर सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इनका इस्तेमाल आम नागरिकों के रहने की बजाय सैन्य गतिविधियों के लिए किया जाता है।
डोकलाम
चीन ने डोकलाम के पास किया था 1,000 घरों का निर्माण
अप्रैल में डोकलाम के पास भूटान की अमो चू नदी के पास चीनी सेना ने करीब 1,000 अस्थायी घरों और नेटवर्क टॉवर का निर्माण किया था।
ये इलाका भारत, चीन और भूटान के बीच एक तिराहे के समान है। यहां से भारत का सिलीगुड़ी गलियारा चीन की सीधी निगरानी में आ सकता है।
तब भारत ने इस निर्माण कार्य पर चिंता जताई थी। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना था कि डोकलाम में निर्माण से चीन को सामरिक लाभ मिलेगा।
नीती दर्रा
नीती दर्रे के पास नया कैंप भी बसा रहा चीन
चीनी सेना उत्तराखंड के नीती दर्रे के नजदीक कैंप का निर्माण भी कर रही है। चीन की PLA इस इलाके में रोड का निर्माण करने के साथ-साथ हेलीपैड भी बना रही है।
ये क्षेत्र उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से सटी LAC के पास है। नीती दर्रे के सारंग और पोलिंग जिंद में हेलीपैड्स तैयार किए जा रहे हैं।
बता दें कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से ही नीती दर्रा बंद है।
अरुणाचल
अरुणाचल प्रदेश को लेकर चल रहा है विवाद
भारत और चीन में अरुणाचल प्रदेश को लेकर भी विवाद चल रहा है। चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है और इसे दक्षिणी तिब्बत कहता है। दूसरी तरफ भारत का कहना है कि अरुणाचल उसका अभिन्न अंग है।
अप्रैल में गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश में सीमा से एक किलोमीटर दूर स्थित गांव का दौरा किया था। तब चीन ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन बताया था।