#NewsBytesExplainer: क्या गाजा पर कब्जा कर पाएगा अमेरिका, क्या कहता है कानून?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कार्यभार संभालने के बाद से विवादित बयानों और फैसलों के चलते चर्चाओं में हैं।
अब उन्होंने कहा कि अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करना चाहता है और बर्बाद हो चुके इस क्षेत्र को फिर से बसाना चाहता है। इस दौरान ट्रंप के साथ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद थे। ट्रंप के इस बयान पर अरब देशों की सख्त प्रतिक्रिया सामने आई है।
आइए जानते हैं क्या अमेरिका गाजा पर कब्जा कर सकता है।
बयान
सबसे पहले जानिए ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने कहा, "गाजा में रहने वाले 18 लाख लोगों को दूसरे अरब देशों में भेज देना चाहिए, ताकि अमेरिका यहां नियंत्रण करे और इस बर्बाद हो चुके फिलिस्तीनी क्षेत्र को फिर से बसाए। अमेरिका गाजा को नियंत्रण में लेकर यहां से जिंदा बमों को हटाकर, पुनर्निमाण कर और अर्थव्यवस्था को गति देकर काम कर सकता है। वहां अधिकार पाना, विकास करना, हजारों नौकरियां पैदा करना शानदार होगा। यह ऐसा बदलाव होगा, जिस पर पूरे मध्य-पूर्व को गर्व होगा।"
आलोचना
अरब देशों ने की बयान की आलोचना
मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, फिलिस्तीनी प्राधिकरण और अरब लीग ने साझा बयान में ट्रंप की इस योजना की आलोचना की है। अरब देशों ने चेताया कि इस तरह की योजना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा करेगी।
सऊदी अरब ने कहा कि वो फिलिस्तीनी राष्ट्र के गठन के बिना इजरायल के साथ संबंध विकसित नहीं करेगा।
हमास ने कहा कि ट्रंप का विचार अफरा-तफरी और तनाव बढ़ाने का साधन है।
कानून
क्या कहता है कानून?
अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत किसी आबादी को जबरन कहीं और भेजना प्रतिबंधित है।
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के कानून के अनुसार, संघर्ष से संबंधित कारणों से नागरिक आबादी को विस्थापित करने का आदेश देना जब तक कि इसमें शामिल नागरिकों की सुरक्षा या अनिवार्य सैन्य कारणों की मांग न हो बलपूर्वक विस्थापन माना जाता है।
रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने भी नागरिकों को 'जबरन स्थानांतरित' करने के आदेश को गैरकानूनी बताया है।
विस्थापन
गाजा की 75 प्रतिशत आबादी पहले से विस्थापित
फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNRWA) ने अनुमान लगाया है कि इजरायल के साथ युद्ध के चलते गाजा पट्टी की लगभग 75 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो गई है।
2023 में इजरायल ने हमले के दौरान फिलिस्तीनियों को दक्षिणी गाजा में जाने को कहा था। इसके बाद लोगों को मिस्र की सीमा पर की ओर बढ़ने के लिए कहा गया। इसके बाद लोगों को सीमा से हटाकर 12 किलोमीटर लंबे अल-मवासी में धकेला गया था।
विशेषज्ञ
क्या कह रहे हैं जानकार?
मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट के अमेरिकी विदेश नीति में सीनियर फेलो ब्रायन कैटुलिस ने रॉयटर्स से कहा, "मुझे लगता है कि ट्रंप कोरी बातें कर रहे हैं। ये लगभग तय है कि इसके पीछे कोई योजना नहीं है। अगर कोई योजना है भी तो उसका वर्तमान के मध्य-पूर्व की हकीकत से कोई संबंध नहीं है और उसे फिलिस्तीनियों और मिस्र-जॉर्डन जैसे पड़ोसी देशों से विचार-विमर्श के बिना ही तैयार किया गया है।"
गाजा
गाजा को लेकर पहले भी बयान दे चुके हैं ट्रंप
दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप लगातार गाजा पर बयान दे रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने गाजा पट्टी को खाली कराने की बात कही थी और मिस्र-जॉर्डन से गाजा पट्टी के लोगों को अपने यहां पनाह देने का आग्रह किया था।
मिस्र और जॉर्डन ने इस पर आपत्ति जताई थी।
वहीं, अरब देशों ने कहा था कि वे फिलिस्तीनियों को गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक से बाहर ले जाने की किसी भी योजना को खारिज करते हैं।