ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने इजरायल पर हमले की तैयारी का दिया आदेश- रिपोर्ट
क्या है खबर?
ईरान इजरायल पर एक बड़ा हमला कर सकता है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने देश की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को इजरायल पर हमले की तैयारी करने के लिए कहा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने ईरानी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि खामेनेई ने इजरायल पर जवाबी हमले की तैयारी का निर्देश दिया है।
बीते हफ्ते इजरायली हमलों में हुए नुकसान के आंकलन के बाद ये फैसला लिया गया है।
अमेरिकी चुनाव
अमेरिकी चुनावों के बाद हो सकता है हमला
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में 3 ईरानी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि ईरान 5 नवंबर को अमेरिका में चुनाव के बाद किसी तरह की प्रतिक्रिया दे सकता है।
हालांकि, कुछ अन्य समाचार पत्रों ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि ईरान चुनावों से पहले भी हमला कर सकता है। टाइम्स के अनुसार, खामेनेई का मानना है कि इजरायल के हमले में हुई मौतें और पैमाना देखते हुए जवाब देना जरूरी है।
लक्ष्य
लक्ष्यों की सूची बना रहा ईरान
टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, ईरान जवाबी हमले के लिए संभावित इजरायली लक्ष्यों की सूची तैयार कर रहा है।
इजरायली खुफिया जानकारी से पता चलता है कि ईरान हमले में अपने छद्म समूहों का इस्तेमाल कर इराकी क्षेत्र से भी जवाबी हमला कर सकता है, ताकि उसके खिलाफ सीधे जवाबी हमले के जोखिम कम किया जा सके।
ऐसा कर ईरान जवाबी हमला भी कर सकता है और तनाव को बढ़ने से भी रोक सकता है।
ईरानी सूत्र
ईरानी सूत्र ने कहा- 'दर्दनाक' होगी प्रतिक्रिया
CNN ने एक अज्ञात सूत्र का हवाला देते हुए कहा है कि ईरान में विचार-विमर्श के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्र ने कहा कि इजरायल की आक्रामकता के लिए इस्लामी गणराज्य ईरान की प्रतिक्रिया 'निश्चित' और 'दर्दनाक' होगी।
ईरानी सूत्रों ने कहा कि इजरायल में इतने धमाके की तैयारी है कि पीढ़ियां तक याद रखेंगी। CNN ने दावा किया कि यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले किया जा सकता है।
हमला
इजरायल ने 26 अक्टूबर को किया था हमला
इस महीने की शुरुआत में ईरान ने इजरायल में 100 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था।
इसके जवाब में इजरायल ने 26 अक्टूबर को ईरान के कई सैन्य ठिकानों के साथ तेहरान और उसके आसपास के शहरों पर भी बमबारी की थी। उस हमले का मकसद ईरान की वायु रक्षा प्रणाली को बर्बाद करना था।
हमले में 2 ईरानी सैनिकों की भी मौत हो गई थी। हालांकि, इजरायल ने परमाणु और तेल सुविधाओं को छोड़ दिया था।