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बौगनविले होगा दुनिया का सबसे नया देश, जानिये इससे जुड़ी जरूरी बातें

बौगनविले होगा दुनिया का सबसे नया देश, जानिये इससे जुड़ी जरूरी बातें

Dec 11, 2019
03:00 pm

क्या है खबर?

पापुआ न्यू गिनी का प्रांत बौगनविले दुनिया का सबसे नया देश बनने जा रहा है। बुधवार को पापुआ न्यू गिनी से अलगाव के लिए इस क्षेत्र के लोगों ने बड़ी संख्या में वोट डाला। बौगनविले 90 के दशक से पापुआ न्यू गिनी की राष्ट्रीय सरकार से स्वतंत्र रहा है। बुका द्वीप पर स्थित बुका शहर इस देश की राजधानी होगी और यहीं सरकार का मुख्यालय होगा। आइये, इससे जुड़ी कुछ और खास बातें जानते हैं।

जनसंख्या

इलाके में रहते हैं लगभग तीन लाख लोग

इस इलाके में लगभग तीन लाख लोग रहते हैं। इनमें से अधिकतकर बुका समेत दूसरे दो शहर अरावा और ब्यूईन के चारों तरफ बसे गांवों में रहते हैं। 2011 की जनगणना के वक्त इस इलाके की जनसंख्या लगभग 2.5 लाख थी। पिछले महीने लगभग दो लाख लोगों ने जमनत संग्रह में वोट डालने के लिए खुद को रजिस्टर किया था। टोक पिसिन यहां की स्थानीय भाषा है और यहां लगभग 19 बोलियां बोली जाती हैं।

जानकारी

फ्रांस के समुद्री यात्री पर रखा गया था द्वीप का नाम

बौगनविले द्वीप का नाम फ्रांस के समुद्री यात्री लुईस एंटोइने डी बौगनविले पर रखा गया है। लुईस 1786 में इस द्वीप के पूर्वी तट पर पहुंचे थे।

खनिज संपदा

इलाके में होता है तांबे का उत्पादन

19वीं सदी में बौगनविले जर्मनी का औपनिवेशक था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने इसे सैन्य ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल किया था। इसके बाद 1975 में पापुआ न्यू गिनी को आजादी मिलने तक ऑस्ट्रेलिया ने इस पर शासन किया था। इस इलाके में बड़ी मात्रा में तांबे का उत्पादन होता है। 1969 में यहां पर दुनिया की जानीमानी खनन कंपनी रियो टिंटो ने पंगुना नाम से तांबे की एक बड़ी खदान शुरू की थी।

गृहयुद्ध

गृह युद्ध में गई थी 20,000 लोगों की जान

इस खदान से होने वाले लाभ को बंटवारे पर हुए विवाद और बढ़ते गृह युद्ध के बीच रियो टिंटो ने 1989 में इस पर अपना हक छोड़ दिया। उस समय तक यह पापुआ न्यू गिनी को निर्यात से होने लाभ का सबसे बड़ा स्त्रोत थी। यहां पर दुनियाभर के तांबे का सात प्रतिशत उत्पादन होता था। बौगनविले के विद्रोही लड़ाकों और पापुआ की सेना के बीच 1998 तक चले हिंसक संघर्ष में 20,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।