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पिछले 9 साल में चीन के मुकाबले दोगुनी तेजी से बढ़ी भारत की जनसंख्या- UN रिपोर्ट

पिछले 9 साल में चीन के मुकाबले दोगुनी तेजी से बढ़ी भारत की जनसंख्या- UN रिपोर्ट

Apr 11, 2019
12:10 pm

क्या है खबर?

संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 9 साल में भारत की जनसंख्या चीन के मुकाबले दोगुनी तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, 2010 से 2019 के बीच भारत की जनसंख्या में सालाना 1.2 प्रतिशत की रफ्तार से वृद्धि हुई, जबकि इस बीच चीन की जनसंख्या में 0.5 प्रतिशत की सालाना औसत से वृद्धि हुई। रिपोर्ट में भारत और चीन की जनसंख्या में बेहद कम अंतर बताया गया है और चीन भारत से थोड़ा आगे है।

कुल जनसंख्या

चीन से थोड़ी कम है भारत की कुल जनसंख्या

ये रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNPF) द्वारा जारी की गई है। संगठन की 'स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन 2019' रिपोर्ट के अनुसार, 1969 में भारत की जनसंख्या 54.15 करोड़ थी, जो 1994 तक बढ़कर 94.22 करोड़ हो गई। अभी भारत की जनसंख्या में 1.36 अरब बताई गई है। जबकि चीन की मौजूदा जनसंख्या भारत से थोड़ी अधिक 1.42 अरब है। यह आंकड़ा 1969 में 80.36 करोड़ तो 1994 में 1.23 अरब था।

डाटा

किस आयु वर्ग में कितने लोग?

अगर अलग-अलग आयु वर्गों को बात करें तो भारत की 27 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 और 10-24 आयु वर्ग में है। जबकि देश की 67 प्रतिशत जनसंख्या 15-64 आयु वर्ग में है। 65 से अधिक उम्र के लोगों की जनसंख्या में 6 प्रतिशत की भागेदारी है।

जीवन वर्ष

पहले से ज्यादा जी रहे भारत के लोग

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति महिला प्रजनन दर में कमी आई है। प्रजनन दर 1969 में 3.7 और 1994 में 3.7 से घटकर 2019 में 2.3 पर आ गई है। इस बीच देश में लोगों के जीवनवर्ष भी बढ़े हैं और वह पहले से अधिक साल जी रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जन्म के समय जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) 69 वर्ष है। 1969 में यह आंकड़ा 47 वर्ष था जो 1994 में बढ़कर 60 वर्ष हो गया।

डाटा

मातृ मृत्यु अनुपात में कमी, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक

भारत में मातृ मृत्यु अनुपात में भी कमी आई है। 1994 में यह आंकड़ा प्रति 100,000 जन्मों पर 488 मौत था, जो 2015 में घटकर 174 पर आ गया। UN ने इस पर चिंता जताते हुए महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं देने को कहा है।

समस्या

कम उम्र में शादी महिला सशक्तिकरण में रुकावट

रिपोर्ट में कम उम्र में शादी को महिला सशक्तिकरण में एक बड़ी रूकावट माना गया है। संगठन की अधिकारी मोनिका फैरे के अनुसार, "पूरी संभावना है कि जिस लड़की की 10 साल की उम्र में शादी होगी, वह स्कूल छोड़ देगी। इसके कारण वह अच्छी नौकरी के लिए आवश्यक जरूरी कौशल हासिल करने में नाकाम रहती है।" ऐसी महिलाएं अधिकतर गरीब और ग्रामीण इलाकों से आती हैं और कम शिक्षित होती हैं।