मुंबई-अहमदाबाद के बाद देश में 10 नए रूटों पर चलेगी बुलेट ट्रेन, आज होगी अहम बैठक
भारतीय रेलवे बुलेट ट्रेन नेटवर्क के विस्तार की योजना बना रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे बोर्ड ने नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) को 10 नए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की स्टडी करने को कहा है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने रेल मंत्रालय से अनुमति मांगी है। बता दें, NHSRCL को ही देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। बुधवार को बुलेट ट्रेन के चार नए रूटों की पहचान के लिए बैठक होगी।
दिल्ली से वाराणसी के बीच चल सकती है बुलेट ट्रेन
बताया जा रहा है कि 10 रूट वाला यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग 6,000 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगी। अनुमान है कि इस पर लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा। अभी तक बुलेट ट्रेन के छह रूट फाइनल हो चुके हैं। रेलवे बोर्ड के एक मेंबर ने बताया कि दिल्ली से वाराणसी के बीच वाया लखनऊ बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है। चार नए रूटों की पहचान के बाद बुलेट ट्रेन के कुल 10 रूट हो जाएंगे।
इन रूटों पर चल सकती है बुलेट ट्रेन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-अमृतसर, दिल्ली-वाराणसी, दिल्ली-कोलकता, पटना-कोलकाता, दिल्ली-मुंबई और चेन्नई-बेंगलुरू रूट पर बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी। हालांकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलेगी पहली बुलेट ट्रेन
देश की पहली बुलेट ट्रेन के लिए 2022 तक की समयसीमा निर्धारित की गई है। यह ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी। यह पूरा कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा होगा। अभी यह दूरी तय करने में सात घंटे का समय लगता है, लेकिन बुलेट ट्रेन से यह सफर महज दो घंटे का होगा। लगभग 320 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली बुलेट ट्रेन 12 स्टेशन कवर करेगी। इसका निर्माण जापान के सहयोग की से किया जा रहा है।
परियोजना में देरी पर जापान ने जताई चिंता
नई बुलेट ट्रेनों को चलाने की तैयारी हो रही है, लेकिन अभी तक पहली ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हुआ है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पर जापान ने चिंता जताते हुए कहा कि 2022 तक अगर यह परियोजना पूरी नहीं हुई तो इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं होगा। जापान ने कहा कि भारत ने काम शुरू करने की डेडलाइन मिस कर दी है। अगर 2022 तक परियोजना पूरी नहीं हुई तो वह कुछ नहीं कर पाएगा।
कितनी जमीन चाहिए और कितनी अधिग्रहित हुई?
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए गुजरात में 612 हेक्टेयर, दादर और नागर हवेली में 7.5 हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 246 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करनी है, लेकिन अभी तक गुजरात में केवल 160 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हुआ है।