जर्मनीः एंजेला मार्केल समेत कई बड़े नेताओं की निजी जानकारियां ऑनलाइन लीक
क्या है खबर?
जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल समेत कई बड़ी हस्तियों की निजी जानकारियां लीक हुई हैं।
बड़े स्तर पर हुए इस साइबर हमले में कई नेताओं, पत्रकारों और दूसरी बड़ी शख्सियतों की निजी जानकारी ऑनलाइन जारी कर दी गई है।
इन जानकारियों में कॉन्टैक्ट लिस्ट, चैट मैसेज, घर का पता, पहचान पत्र की कॉपी आदि शामिल हैं।
दिसंबर में यह डाटा लीक हुआ था, जिसका खुलासा अब हुआ है। हमले के पीछे के लोगों का अभी तक पता नहीं चला है।
हमला
'हमले के पीछे रूस की संदिग्ध भूमिका'
विशेषज्ञ इस हमले के पीछे रूस और दक्षिणपंथी समूहों को जिम्मेदार मान रहे हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी के साइबर एक्सपर्ट स्वेन हर्पिग ने बताया कि इस हमले के लिए रूस को संदिग्ध माना जा रहा है। इस हमले का तरीका इसी और इशारा करता है।
उन्होंने कहा कि इस साल जर्मनी के चार राज्यों और यूरोपीय संसद के चुनाव होने वाले हैं।
प्रतिक्रिया
सरकार ने माना गंभीर मामला
जर्मनी की मंत्री कैटरीना बारले ने कहा कि यह गंभीर हमला था। हमला करने वाले लोगों ने लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं में लोगों का विश्वास डिगाने की कोशिश की है।
वहीं सरकार की प्रवक्ता मार्टिना फिएट्ज ने कहा कि चांसलर एंजेला मार्केल के कार्यालय से जुड़ी कोई भी संवेदनशील जानकारी लीक नहीं हुई है।
इस साइबर हमले में यूरो सांसदों, सरकार के सांसदों, पत्रकारों और दूसरे क्षेत्रों से जुड़े प्रमुख लोगों की जानकारियां लीक हुई हैं।
मामला
अक्टूबर से पहले का है मामला
सरकार को इस मामले की जानकारी अभी मिली है, लेकिन हैकर्स ने यह जानकारी पिछले साल अक्टूबर से पहले ही चुरा ली थी।
दिसंबर महीने में इन जानकारियों को इंटरनेट पर लीक किया गया और अब सरकार को इसकी जानकारी मिली है।
इन जानकारियों को जर्मनी के शहर हैम्बर्ग से चलाए जा रहे ट्विटर अकाउंट से लीक किया गया था, जिन्हें अब बंद कर दिया गया है।
जांच
हैकर्स का अभी तक पता नहीं
जर्मनी की सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक हमले की पीछे के लोगों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काम के चलते अपने पास जरूरी सूचनाएं रखने वाले किसी व्यक्ति ने ये जानकारियां लीक की है।
इस हमले में व्यक्तिगत अकाउंट को ही निशाना बनाया गया है। जर्मनी में सूचनाओ की सुरक्षा का काम देखने वाली एजेंसी ने बताया कि इससे सरकारी नेटवर्क प्रभावित नहीं हुए हैं।