श्रीलंका हमला: मास्टरमाइंड की बहन ने कहा, खुश हूं कि वह अब जिंदा नहीं
श्रीलंका बम धमाकों के मास्टमाइंड माने जा रहे आतंकी जहरान हाशिम की बहन मधानिया का कहना है कि उनके भाई ने गलत व्यक्तियों से धर्म सीखा और वह खुश हैं कि वह मर गया। शनिवार को सैन्य खुफिया अधिकारी 26 वर्षीय मधानिया और उनके पति शरीफ नियास के घर पहुंचे थे। दोनों पति-पत्नी पुराने वाहन के व्यापार का काम करते हैं। पिछले रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए इन धमाकों में 250 से ऊपर लोगों की मौत हुई है।
शुक्रवार को आत्मघाती धमाके में मरे हाशिम के परिवार के 15 सदस्य
शुक्रवार को श्रीलंकाई सुरक्षा बलों ने कलमुनाई में एक सेफहाउस पर छापा मारा था, जिसके बाद आत्मघाती हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया। धमाके में 6 बच्चों समेत 15 शख्स मारे गए। ये सभी शख्स हाशिम के परिवार के बताए जा रहे हैं। अधिकारियों ने मधानिया और उनके पति को अस्पताल आकर लाश पहचानने को कहा था। इस पर मधानिया ने अस्पताल जाने में असमर्थता जताते हुए उनसे तस्वीर भेजने को कहा था।
पूरा परिवार था हमलों में शामिल?
सेफहाउस धमाके में मरने वालों में हाशिम के लापता चल रहे भाई मोहम्मद जयीन हाशिम की पत्नी और दो बच्चे, उसका तीसरा भाई, उसकी पत्नी और 2 बच्चे, हाशिम की दूसरी बहन, उसका पति और बच्चे, हाशिम का एक बच्चा और उसके माता-पिता शामिल हैं। इससे पहले हाशिम ने 21 अप्रैल को हुए धमाकों में कोलंबों के शांगरी-ला होटल में खुद को बम से उड़ा लिया था। दूसरा भाई जयीन तभी से फरार है।
हाशिम की पत्नी और एक बच्चा बचा
नियाम ने शाम को दावा किया कि अधिकारियों ने उन्हें सेफहाउस हमले में बचने वाले 2 लोगों की तस्वीरें दिखाई हैं। उन्होंने बचने वालों की पहचान हाशिम की पत्नी और उसके एक बच्चे के तौर पर की।
हमले के 3 दिन पहले से गायब था परिवार
बता दें कि हाशिम को हमलों को अंजाम देने वाले संगठन नेशनल तौहीद जमात (NTJ) का मुखिया बताया जा रहा है। NTJ आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) से प्रेरित था। IS ने हमलों की जिम्मेदारी भी ली है। 21 अप्रैल को NTJ के आत्मघाती हमलावरों ने देश के कई चर्चों और बड़े होटलों पर आतंकवादी हमला किया था। हाशिम के माता-पिता और परिवार के 7 बच्चों सहित परिवार के 16 सदस्य धमाकों से 3 दिन पहले से गायब थे।
बहन ने 2017 में ही तोड़ लिए थे संबंध
मधानिया का कहना है कि उसे IS के बारे में कुछ नहीं पता है। उन्होंने कहा, "जब हाशिम ने 2017 में अपनी बातों में जहर उगलना शुरु किया, हमने तभी उससे बात करना बंद कर दी थी। उसके बचपन से ही इस्लाम पर उग्र विचार थे, लेकिन जब उसने सरकार, राष्ट्रीय झंडा, चुनाव और अन्य धर्मों के खिलाफ बोलना शुरु किया, जब इसे बर्दाश्त नहीं कर पाए। वह हमारे परिवार के लिए तबाही लेकर आया।"
इस्लाम की अपनी व्याख्या को एकमात्र सच्ची आस्था मानता था हाशिम
मधानिया ने बताया कि उसका भाई दावा करता था कि इस्लाम की उसकी व्याख्या ही एकमात्र सच्ची आस्था है। हाशिम से कोई संबंध न होने के बावजूद वह पास की गली में रहने वाले अपने माता-पिता को लगातार खाना भेजती रहती थीं, लेकिन वह 18 अप्रैल को अचानक से गायब हो गए। शुक्रवार को पड़ोसियों ने मधानिया को उनके घर ने होने की सूचना दी। तब से उनके फोन भी बंद जा रहे थे।
बहन ने कहा, उसने गलत लोगों से हदीस सीखी
मधानिया के अनुसार, जहरान ने छठवीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ दिया था, लेकिन उसे इस्लामिक अध्ययन में बेहद रुचि थी। कुरान को याद करने के लिए उसने अरबी में एक कोर्स किया। 2006 में उसने इस्लामिक अध्ययन केंद्र भी खोला। उन्होंने बताया, "उसने खुदा को खो दिया क्योंकि उसने हदीस गलत लोगों से सीखी। उसकी बजाय उसने लोगों को मारना सीखा। मुझे कहना चाहिए कि मैं खुश हूं कि वह अब जिंदा नहीं है।"
भारत भी आया था हाशिम
भारतीय खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि हाशिम 2017 में भारत आया था और कुछ महीने यहीं रहा था। इसके अलावा धमाकों में शामिल एक अन्य आत्मघाती हमलावर मोहम्मद मुबारक अजान के भी 2017 में दो बार भारत आने की जानकारी सामने आई है। हाशिम के भारत दौरे पर मधानिया ने ऐसी कोई भी जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी जानकारी में वह केवल एक बार विदेश जापान के दौरे पर गया।