Page Loader
ICC चेयरमैन बनने की रेस में शामिल हो सकते हैं सौरव गांगुली
ICC अध्यक्ष बन सकते हैं सौरव गांगुली (तस्वीर: www.iplt20.com)

ICC चेयरमैन बनने की रेस में शामिल हो सकते हैं सौरव गांगुली

लेखन Neeraj Pandey
Sep 15, 2022
06:44 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट ने भले ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को राहत दे दी है, लेकिन बोर्ड में बड़ा बदलाव आ सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि तीन साल तक और अपने पद पर बने रहने का मौका मिलने के बावजूद सौरव गांगुली दूसरी ओर जा सकते हैं। गांगुली की निगाह इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) का चेयरमैन बनने पर टिकी हुई हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर।

जानकारी

समाप्त होने वाला है ICC चेयरमैन का कार्यकाल

ICC के चेयरमैन ग्रेग बार्कले का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है। उनकी जगह लेने के लिए गांगुली को बड़ा दावेदार माना जा रहा है। चेयरमैन के चुनाव में कुछ बदलाव किए गए हैं और अब लोगों को दो तिहाई वोट हासिल करने की जरूरत नहीं है। अब जो भी व्यक्ति चुनाव में 51 प्रतिशत वोट हासिल कर लेगा उसे चेयरमैन बना दिया जाएगा। नौ डॉयरेक्टर्स का वोट किसी को चेयरमैन बना सकता है।

उपलब्धि

ICC के सबसे बड़े अधिकारी बनने वाले पांचवें भारतीय बन सकते हैं गांगुली

NDTV के मुताबिक, सौरव गांगुली ICC में जाने का प्रयास कर सकते हैं और यदि वह इसमें सफल रहते हैं तो फिर ICC में सबसे बड़ी जगह हासिल करने वाले पांचवें भारतीय बनेंगे। उनसे पहले शशांक मनोहर और एन. श्रीनिवासन ICC के चेयरमैन रह चुके हैं। इससे पहले ICC में भी अध्यक्ष का पद होता था और इस पर दो भारतीय रह चुके हैं। जगमोहन डालमिया और शरद पवार ICC अध्यक्ष रह चुके हैं।

जय शाह

शाह बन सकते हैं नए BCCI अध्यक्ष

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जय शाह के नया BCCI अध्यक्ष बनने के लिए 15 स्टेट एसोसिएशन सपोर्ट कर रहे हैं। जल्द ही बोर्ड की सालाना जनरल मीटिंग होने वाली है और इसमें ताजा चुनाव के लिए नोटिस भेजा जा सकता है। बोर्ड के वर्तमान पदाधिकारी इस सितंबर में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लेंगे। इस बीच यदि गांगुली ने ICC जाने का फैसला लिया तो शाह के लिए काम और आसान हो जाएगा।

शाह और गांगुली

2019 में BCCI में आए थे शाह और गांगुली

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने 23 अक्टूबर, 2019 को BCCI अध्यक्ष का पद संभाला था, जबकि शाह 24 अक्टूबर, 2019 को सचिव बने थे। पहले के नियमों के मुताबिक तीन साल लगातार एक पद पर रहने के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड आता था और लोगों को ब्रेक लेना होता था। बोर्ड ने इस नियम को बदलने का आग्रह किया था और कूलिंग ऑफ पीरियड को छह साल बाद लागू करने के लिए कहा था।